उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। चम्बा
सरकार के डिजिटल इंडिया के बड़े-बड़े दावों के बीच जमीनी हकीकत यह है कि मोबाइल नेटवर्क की तलाश में बच्चों को घर से पांच किलोमीटर दूर पहाड़ की चोटी पर जाकर ऑनलाइन परीक्षा देनी पड़ी। मौसम खराब रहा और बारिश से बचने के लिए बच्चों ने एक खतरनाक चट्टान के नीचे ओट लेकर पर्चा दिया। कोरोना महामारी के बीच हिमाचल के जनजातीय इलाके भरमौर की खुंदेल और बलोठ पंचायतों के बच्चों को सेकेंड टर्म की ऑनलाइन परीक्षा देना जान पर भारी पड़ सकता है। परीक्षा के लिए सिगनल की तलाश में बच्चे तीन घंटे का सफर तय कर पहाड़ी तक पहुंच रहे हैं।
पंचायत प्रतिनिधियों और अभिभावकों की मानें तो वे कई बार सरकार और प्रशासन से क्षेत्र में मोबाइल सिगनल की समस्या के समाधान करवाने की मांग उठा चुके हैं। बावजूद इसके आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। कोरोना काल के चलते नौ माह से शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए सरकार के आदेशानुसार बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा ली जा रही हैं।