सुधीर शर्मा ने धर्मशाला रोपवे पर उठाए सवाल, बोले-काम पूरा नहीं था तो क्यूं करवाया उद्घाटन?

आशीष राणा। धर्मशाला

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने धर्मशाला रोपवे के आनन फ़ानन में किए गए उद्घाटन और अब चार दिन बाद इसे बंद कर दिए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब रोपवे पूरी तरह तैयार नहीं था तो उद्घाटन करवा कर मुसाफ़िरों की जान को ख़तरे में क्यूं डाला गया?? लाइटनर कम्पनी के इंजीनियर की बात को क्यूं नहीं टाटा के स्थानीय प्रबंधन ने माना ?

क्या यह सत्य नहीं है की इसी इंजीनियर ने दो जगह रोप पर लाल निशान उद्घाटन से पहले लगवा कर चेतावनी दी थी ? उद्घाटन से पहले टेकनिकल क्लीयरेंस और फ़िट्नेस सर्टिफ़िकेट किस ने जारी किए ?

यातायात के लिए फ़िट नहीं था रोपवे…. 

सुधीर शर्मा ने कहा कि इससे स्पष्ट होता है की रोपवे यातायात के लिए 100% फ़िट नहीं था। यह काम केपीसटी पर चल रहा था और टेस्ट फेल हो चुका था जिसे सबसे छुपाया गया। इस बात को रोपवे (टाटा) कम्पनी जानती थी की रोप जोआइंट ठीक करने के लिए इसे बंद करना पड़ेगा जिस बात को उन्होंने गुप्त रखा??.. रोपवे के साथ करार में यह शर्त थी कि एक हज़ार व्यक्ति एक घंटे में सफ़र करेंगे पर रोपवे मात्र 650 लोगों की ही कपेसीटी रखता है।

टेक ऑफ़ पोईंट पर अभी तक शुरू नहीं हो पाया पार्किंग का काम… 

सुधीर शर्मा ने कहा कि सभी प्राजेक्ट्स में 75% रोज़गार स्थानीय लोगों को देना अनिवार्य होने के बावजूद बाहर के लोगों को भर्ती किया गया है। टेक ऑफ़ पोईंट पर पार्किंग का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। जो सरकार और रोपवे कम्पनी का एसेंसीयल अग्रीमेंट हुआ है उस में भारी अनियमिताएं हुई है जितना कमर्शियल एरिया रोपवे कंपनी को इस्तेमाल करना था उससे लगभग 75% प्रतिशत अधिक एरिया कंपनी को दे दिया गया है।

सरकार ने इतने बड़े प्रोजेक्ट को गंभीरता से नहीं लिया…

उन्हो कहा कि इन सब बातों से पता चलता है जहां एक तरफ़ टाटा रोपवे कंपनी की लापरवाही रही है। वहीं, दूसरी तरफ़ सरकार ने सिर्फ़ अपना फटा लगाने के अलावा इतने बड़े प्रोजेक्ट को गंभीरता से नहीं लिया जिस वजह से कई लोगों की ज़िंदगी को दांव पर लगाया गया है।