सुंदरनगर कृषि विज्ञान केंद्र को मिला सर्वश्रेष्ठ परियोजना पुरस्कार

उज्जवल हिमाचल। पालमपुर

चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के सुंदरनगर मण्डी स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र ( केवीके ) को नाबार्ड द्वारा राज्य में फार्म सेक्टर प्रोत्साहन कोष के तहत वित्त पोषित परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सर्वश्रेष्ठ परियोजना का पुरस्कार दिया गया है।

कुलपति प्रोफेसर एच.के. चौधरी ने बताया कि नाबार्ड और विश्वविद्यालय ने 2019 में कृषि को अधिक लाभदायक और टिकाऊ बनाने के लिए 24.90 लाख रुपये की एक परियोजना पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। परियोजना के कार्यान्वयन के बाद से कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर द्वारा लगभग 1300 किसानों को लाभान्वित करने वाले 28 ऑफ-कैंपस प्रशिक्षण कार्यक्रम और मशरूम की खेती पर 300 किसानों के लिए 10 ऑन-कैंपस कौशल विकास प्रशिक्षण आयोजित किए गए।

डा. चौधरी ने कहा कि यह उत्साहजनक है कि लगभग 70 फीसदी प्रशिक्षित किसानों ने व्यावसायिक रूप से बटन मशरूम और ऑयस्टर मशरूम की खेती को अपनाया है। 20 प्रशिक्षु नाबार्ड और केवीके के प्रतिनिधि के तौर काम कर रहे हैं, जिन्होंने जिले भर में 500 से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया है। इसके अतिरिक्त करीबन 50 स्वयं सहायता समूह अब मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।

कुलपति एच.के. चौधरी ने कार्यक्रम समन्वयक केवीके, सुंदरनगर डा. पंकज सूद और उनकी टीम को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि नाबार्ड इस तरह की किसान हितैषी परियोजनाओं के निष्पादन के लिए विश्वविद्यालय को अधिक धन आवंटित करेगा। कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री वीरेंद्र कंवर द्वारा यह पुरस्कार 9 फरवरी को शिमला में प्रदान किया गया।