सेनेटाइजर घोटाले में निदेशक के बाद अब सुपरिटेंडेंट सस्पेंड

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला

प्रदेश सचिवालय में तय रेट से महंगे दाम पर सैनिटाइजर बेचने के मामले में हिमाचल सरकार ने सचिवालय के सुपरिटेंडेंट को निलंबित कर दिया है। सचिवालय प्रशासन की विभागीय जांच के बाद कार्रवाई अमल में लाई है। सचिवालय सामान्य प्रशासन सचिव देवेश कुमार ने इसकी पुष्टि की है। अभी इस मामले में विजिलेंस जांच चल रही है, लेकिन उससे पहले विभाग की ओर से की गई कार्रवाई में सुपरिटेंडेंट की संलिप्ता को देखते हुए उसे निलंबित किया गया है।

जानकारी के मुताबिक 50 रुपए के सैनिटाइजर पर 130 रुपए की मोहर लगाने के लिए आरएंडआई ब्रांच के इस अधिकारी ने सरकारी ठेकेदार पर दबाव बनाया था। सुपरिटेंडेंट को जब सरकारी ठेकेदार ने 130 रुपए की मुहर लगाने के लिए इनकार कर दिया, तो उसने जबरन उसे कंट्रोल रूम में बैठा कर मुहर लगाने दी। इस मामले में 18 मई को विजिलेंस ने सचिवालय के मुख्य गेट की सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लिया था, जिसे खंगालने पर पाया गया है कि आरएंडआई का यह अधीक्षक और सरकारी ठेकेदार सरकारी गाड़ी में साथ आते है।

उसके बाद सचिवालय प्रशासन ने भी इसमें विभागीय कार्रवाई शुरू की और अब अधीक्षक को निलंबित कर दिया है। बहरहाल अभी इस मामले में ठेकेदार के खिलाफ माोमला दर्ज हुआ है और सचिवालय अधीक्षक को निलंबित किया गया है। अभी इस मामले में और भी कई परते खुल सकती है।