आज जी-7 की बैठक में हाे सकता है तालिबान का फैसला

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान का भविष्य क्या होगा? उस पर कई प्रतिबंध लगेंगे या दुनिया के सुपरपावर देश उसे मान्यता देंगे, यह सब कुछ आज होने वाली जी-7 देशों की बैठक के रुख पर निर्भर होगा। अमेरिका व उसके सहयोगी देश आज इस बड़ा फैसला कर सकते हैं। गौरतलब है जिस तरह से तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमाया, उससे कई देश नाराज भी हैं। हो सकता है जी-7 की बैठक में तालिबान को दुनिया से अलग-थलग करने पर फैसला लिया जाए। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक जो बाइडन, अफगानिस्तान में 31 अगस्त के बाद भी अमेरिकी व नाटो देशों की सेनाओं को कुछ वक्त के लिए रोकने पर फैसला ले सकते हैं।

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जी-7 देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। संभव है कि सभी देश एक सुर में तालिबान पर कई प्रतिबंध लगा कर उसे मान्यता देने का रुख अपनाएं। एक यूरोपियन राजनयिक का कहना है कि जी-7 देश तालिबान को अंतरराष्ट्रीय नियमों को मानने व महिलाओं को उनके अधिकार देने की शर्त पर मान्यता दे सकते हैं। अमेरिका में ब्रिटिश राजदूत कारेन पियर्स का कहना है कि मीटिंग में बोरिस जॉनसन कुछ समाधान निकाल सकते हैं। इस बैठक में यूएन सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुतारेस व संयुक्त राष्ट्र के महासचिव जेन स्टॉलटेनबर्ग के शामिल होने की भी संभावना है। बता दें कि आज होने वाली जी-7 की वर्चुअल मीटिंग के होस्ट जो बाइडन ही हैं।

जी-7 की यह बैठक बुलाने की मांग ब्रिटेन की ओर से की गई है। अमेरिका के व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने अपने बयान में कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन 24 अगस्त को जी-7 देशों के नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक कर सकते हैं। ये नेता अफगानिस्तान के मामले में समन्वय बढ़ाने और पश्चिमी देशों का साथ देने वाले अफगानों को बाहर निकालने पर चर्चा करेंगे। साकी ने कहा कि जी-7 के नेता अफगान शरणार्थियों को मानवीय सहायता देने की योजनाओं पर भी विचार-विमर्श करेंगे।

इससे पहले ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने ट्विटर पर कहा था कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय लोगों को सुरक्षित निकालने, मानवीय संकट को रोकने और पिछले 20 वर्षों की मेहनत को सुरक्षित करने के लिए अफगान लोगों का समर्थन करने के लिए मिलकर काम करने की जरूत है। ब्रिटेन इस साल जी-7 देशों की अध्यक्षता कर रहा है। इस समूह में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल है।

व्हाइट हाउस के मुताबिक, इस बातचीत के दौरान जो बाइडन और बोरिस जॉनसन ने 24 अगस्त को होनी वाली जी-7 की वर्चुअल मीटिंग के बारे में भी बात की। दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान के हालात से निपटने के लिए आपसी सहयोग और कॉमन अप्रोच के बारे में चर्चा की। साथ ही अफगानिस्तान की पॉलिसी पर मिलकर काम करने पर भी जोर दिया। गौरतलब है कि बाइडन प्रशासन अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों को निकालने को लेकर कड़ी आलोचना से गुजर रहा है।