उज्जवल हिमाचल डेस्क…
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां पर शासन व्यवस्था पुरी तरह से डगमगा चुकी है। भारत ने भी तालिबान के दोटूक में बोल दिया है कि भारत तभी तालिबान को मान्यता देगा, जब तालिबान कोई भी भारत विरूधी गतिविधियां नहीं करेंगा पर इसी के बीच तालिबान का नया रूप सामने आया है। जिसमे तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कश्मीर पर भारत के खिलाफ वयान दिया हैं। सुहैल शाहीन ने कहा है कि तालिबान के पास कश्मीर के मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का अधिकार है। ये बयान ऐसे समय में आया है जब तालिबान की भारत से सीधी बातचीत हुई है। वहीं कुछ दिन पहले तालिबान के सहयोगी हक्कानी ग्रुप के अनस हक्कानी ने ये साफ कर दिया था कि तालिबान कश्मीर मसले पर कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा।
ऐसे में तालिबान का ये बयान भारत की चिंता को बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। पाकिस्तान पहले ही ये बात कह चुका है कि तालिबान कश्मीर की उसकी नापाक मुहिम में साथ देगा। अपने बयान में सुहैल ने कहा है कि तालिबान भारत से कहेगा कि कश्मीर के लोग आपके अपने हैं जो आपके कानून के मुताबिक समान हक रखते हैं। आपको यहां पर ये भी बता दें कि तालिबान के एक और प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कुछ समय पहले कश्मीर पर दिए अपने बयान में कहा था कि वो इस पर सकारात्मक रुख अपनाएंगे। उनके मुताबिक इस मसले को बातचीत के जरिए हल करने की जरूरत है। ये दोनों देशों के हितों से जुड़ा हुआ मसला है।
कश्मीर को लेकर तीसरा बयान हाल ही में अलकायदा ने भी दिया था। उसने कहा था कि अब उसकी मंजिल कश्मीर है। इन सभी बयानों के आधार पर माना जा रहा है कि कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को हवा मिल सकती है। वहीं दूसरी तरफ इस तरह के बयान तालिबान को भारत से दूर भी ले जा सकते हैं। ऐसे में तालिबानी नेता और भारत के बीच हुई वार्ता के कोई मायने नहीं रह जाते हैं। दोहा में हुई इस बातचीत में भारत ने तालिबान की पेशकश पर अपनी शर्तों पर बात की थी। इसमें भारत ने साफ कहा था कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होना चाहिए। इस पर तालिबान की तरफ से सकारात्मक रवैया सामने आया था।