हर पंचायत में दो चिल्ड्रन पार्क और दो खेल मैदान बनाने का लक्ष्य

पंचायत में खड़े किये जा रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर की देख रेख को सरकार दे बजट

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। धर्मशाला

विधानसभा क्षेत्र की प्रत्येक पंचायत में दो खेल मैदान और दो चिल्ड्रन पार्क बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। धर्मशाला में 14वें वित्त आयोग के तहत पांच पंचायतों में पंचवटी पार्क बनाए गए हैं, जबकि एक पार्क का कार्य चल रह है। वहीं, छह चिल्ड्रन पार्क बनाए गए हैं, जबकि पांच घराट का जीर्णोद्वार किया गया है और 54 बाबड़ी का जीर्णोद्वार किया जा रह हैं। विधानसभा के मानसून सत्र में चर्चा में भाग लेते हुए विधायक विशाल नैहरिया ने कहा कि वित्त आयोग से पैसे से हम पंचायत एरिया में इन्फ्रास्ट्रक्चर तो तैयार कर रहे हैं, लेकिन इनकी देख-रेख के लिए बजट न होने से परेशानी आ रही है। इसलिए विधायक विशाल नैहरिया ने पंचायत एरिया में खड़े किए जा रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर की देख-रेख के लिए बजट का प्रावधान करने की मांग रखी।

स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बनेगा प्रेस क्लब भवन का निर्माण
विधायक विशाल नैहरिया के सवाल का मुख्यमंत्री ने दिया जवाब
संविधान के चौथे स्तंभ मीडिया कर्मियों के लिए धर्मशाला में स्मार्ट सिटी परियोजना के माध्यम से प्रेस क्लब भवन का निर्माण होगा। इसके लिए सुचना एंव जन संपर्क विभाग के प्रबंधक निदेशक एंव मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने स्मार्ट सिटी परियोजना लिमिटेड जिला कांगड़ा को एनओसी जारी कर दी है, जबकि लोक निर्माण विभाग धर्मशाला इस पर कार्य कर रह हैं।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला के विधायक विशाल नैहरिया के प्रश्न के जवाब में माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया है कि 29-04-2021 को सूचना एंव जनसंपर्क विभाग ने स्मार्ट सिटी को एनओसी जारी की है। प्रेस क्लब धर्मशाला के भवन निर्माण की प्रक्रिया पर लोक निर्माण विभाग कार्य कर रहा है।

वन भूमि पर अवैध कब्जों को नयमित नहीं करेगी सरकार
प्रदेश भर में वन भूमि पर बने अवैध कब्जों को प्रदेश सरकार नयमित नहीं करेगी। प्रदेश भर में वर्तमान में 208 कॉमर्शियल भवन वन भूमि पर हैं, जबकि 1725 घरों का निर्माण वन भूमि पर किया गया है। विधायक विशाल नैहरिया के सवाल के जवाब में वन मंत्री राकेश पठानिया ने बताया कि वन अधिनियम 1980 के अंतर्गत गैर-वानिकी उपयोग के लिए वन भूमि का प्रत्यार्पाण बिना भारत सरकार की पूर्व अनुमति के नहीं किया जा सकता। इसलिए प्रदेश सरकार वन भूमि पर अवैध कब्जों को नियमित नहीं कर सकती।