टैक्सी आपरेटर सरकार के निर्णय से खफा, कहा-मांगें नहीं मानी तो आरटीओ को सौपेंगे चाबियां   

taxi stand
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उज्जवल हिमाचल । (एसके शर्मा) हमीरपुर

 सोमवार से लगे लॉकडाउन के बाद पूरा हिमाचल प्रदेश एक बार फिर से सख्त बंदिशों की जद में आ गया है। निश्चित तौर पर लाकडाउन से कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे में मदद मिल सकती है, लेकिन बंदिशों के साइड इफेक्ट्स भी सामने आ रहे हैं। इस बार टैक्सी आपरेटर सरकार के निर्णय के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं। उन्होंने विरोध करते हुए तय नियमों में संशोधन की मांग कर डाली है।

बताते चलें कि 10 मई से लेकर 17 मई तक सार्वजनिक परिवहन, भाडे पर लिए गए वाहनों व टैक्सियों की आवाजाही बंद कर दी है। निजी वाहनों को भी केवल स्वास्थ्य संबंधी एंव आपात स्थितियों के लिए आवाजाही की अनुमति दी गई है। वहीं उपमंडल बड़सर के अंतर्गत बिझड़ी टैक्सी यूनियन के सदस्यों ने कहा  कि तय गाइडलाइन के मुताबिक कोई भी टैक्सी सडक़ों पर नहीं चल पाएगी। जबकि निजी वाहन इमरजेंसी या जरूरी कारण का हवाला देकर सडक़ों पर निकल सकते हैं। यूनियन के सदस्यों ने कहा कि निजी वाहनों का पिछले लाकडाउन के दौरान भी जमकर व्यवसायिक उपयोग किया गया। जबकि सरकार को टैक्स देने वाले आपरेटर दो बक्त की रोटी को तरसते रह गए। इस बार भी वही नियम लादे जा रहे हैं, जिन्हें अब सहन नहीं किया जा सकता।

टैक्सी ऑपरेटरों ने कहा कि लाकडाउन के दौरान निजी वाहनों का व्यवसायिक इस्तेमाल बिल्कुल बंद करवाया जाए। हमें तय नियमों के मुताबिक सडक़ों पर गाडिय़ां चलाने की इजाजत दी जाए। जिससे वेक्सिनेशन, मेडिकल एमरजेंसी या किसी अन्य आपात स्थिति में फंसे लोगों को भी राहत मिल सके। सरकार ऐसे नियमों को लागू न करें जिससे कानून की अवहेलना हो या लोग परेशान हों। उन्होंने कहा कि हम लोग सरकार को टैक्स देते हैं जबकि निजी वाहन चालक सरकार को लाखों का चूना लगाते हैं।  संकट के इस समय में अगर  हमें काम मिलता है तो हम सेवा के लिए  तैयार हैं, जिससे आम लोगों को भी सहूलियत होगी।

टैक्सी यूनियन प्रधान रमन कुमार ने कहा कि सभी लोगों के पास निजी गाडिय़ां नहीं होती।  इमरजेंसी में लोगों को टैक्सी ही सहारा देती है, क्यूँकि बसें भी पूरी तरह से बंद रहेंगी। लेकिन टैक्सी न चलने से निजी वाहन मालिक अब फिर से चांदी कूटने वाले हैं। अगर हमारी सुनवाई न की गई, तो हम आपरेटर अपनी गाडिय़ों की चाबी उपायुक्त हमीरपुर या क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को सामूहिक रूप से सौंप देंगे।

उधर डीएसपी बड़सर शेर सिंह राणा ने बताया कि निजी गाडिय़ों का व्यवसायिक उपयोग बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर कोई ऐसा करता पाया जाता है तो सख्त कार्यवाही की जाएगी।