अध्यापकों ने पुरानी पेंशन नीति को बहाल करने की उठाई मांग

उज्जवल हिमाचल। पालमपुर

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने आगामी जेसीसी की बैठक में हिमाचल प्रदेश के लगभग एक लाख एनपीएस कर्मियों की वकालत करते हुए कहा कि एनपीएस स्कीम के तहत जिन एनपीएस कर्मियों का फंड कट रहा है, वह संवेधानिक दृष्टि से गलत है। एक ही देश में दो तरह के विधान नहीं चल सकते।

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेश महाजन ने कहा कि जनप्रतिनिधि तो पुरानी पेंशन लेते हैं, लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद शिक्षकों व अन्य विभागों के कर्मचारियों के लिए एनपीएस के तहत बहुत ही कम राशि पेंशन के रूप में दी जा रही है, जिसमें एक गैस सिलेंडर भी नहीं आता। उन्होंने कहा कि कर्मियों के बुढ़ापे का निजीकरण अध्यापक संघ को मंजूर नहीं है। ऐसे में एनपीएस कर्मियों को वही पुरानी पेंशन दी जाए, जिससे उनका बुढ़ापा दर-दर की ठोकरें न खाए। उन्होंने कहा कि अध्यापक संघ सरकार से मांग करता है कि जेसीसी की बैठक में में केंद्र की 2009 की अधिसूचना को लागू किया जाए, जिसमें किसी कर्मी के मृत या दिव्यांग होने की स्थिति में पुरानी पेंशन दी जाएगी।

पुरानी पेंशन हर कर्मी का हक है, लेकिन केंद्र की अधिसूचना को भी हिमाचल प्रदेश में उनके लिए भी लागू न करना एक चिंता का विषय है जो सेवाकाल के दौरान बीमारी या हादसे में दिवंगत हो चुके है ऐसे में वर्तमान सरकार पर एक तरह से केंद्र की अधिसूचना को लागू न करना एक सवालियां निशान लगाता है। अध्यापक संघ मांग करता है कि पेंशन के मुद्दे पर सरकार सहज होकर कार्य करे अन्यथा अध्यापक संघ एनपीएस जैसी बुराई को खत्म करने के लिए धरने पर बैठेगा।