अध्यापक संघ की दो टूक, लंबित मांगों को शीघ्र पूरा करें सरकार

उमेश भारद्वाज। मंडी

हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ (एचजीटीयू) की राज्यस्तरीय बैठक का आयोजन जिला मंडी के बल्ह घाटी के डडौर में रविवार को किया गया। बैठक संघ की नव निर्वाचित राज्य कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेशभर से आए लगभग 100 से शिक्षक नेता उपस्थित रहे। बैठक में हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने सरकार को दो टूक शब्दों में शिक्षकों की लंबित मांगों को शीघ्र पूरा करने की चेतावनी दे डाली है। साथ ही सरकार को शिक्षा विभाग की ढुलमुल नीति मेें बदलाव लाने की भी संघ ने मांग की है।

जिला मंडी के डडौर में आयोजित बैठक में हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की बैठक में शिक्षकों की लंबित पड़ी मांगों को पूरा करवाने के लिए रणनीति तैयार की गई। इसमें हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने बतौर मुख्यतिथि शिरकत की। बैठक में शिक्षकों की समस्याओं और लंबे समय से पडी लंबित मांगों को लेकर चर्चा की गई तथा एक मांग पत्र तैयार कर सरकार को भेजा गया। बैठक में सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के प्रति चल रही ढुलमुल नीति की कड़े शब्दों में निंदा की गई।

साथ ही सरकार को संघ की ओर से अल्टिमेटम दिया गया कि यदि सरकार ने जल्द संघ की मांगों को पूरा नहीं किया, तो प्रदेश में हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ आंदोलन करेगा, जिसकी जिम्मेदार स्वयं प्रदेश सरकार होगी। एचजीटीयू की बैठक में जहां एक और सरकार व शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाए गए। वहीं, संघ की एकता को तोड़ने वाले स्वयंभू शिक्षक नेताओं पर भी जमकर प्रहार किए गए। इसके अलावा उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर भी प्रहार करते हुए कहा की शिक्षकों की मांगों को लेकर प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग उदासीन रवैया अपना हुए है, जो कि किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्य संरक्षक अरुण गुलेरिया तथा जिला अध्यक्ष तिलक नायक सहित संघ के कई पदाधिकारियों वरिष्ठ सदस्य भी मौजूद रहे। संघ के प्रदेेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं को पिछले लंबे समय से सरकार के समक्ष यदि कोई संघ प्रभावी ढंग से उठाता आ रहा है, तो वह केवल और केवल हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ है।

उन्होंने कहा कि आज भी प्रदेश के शिक्षक हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ पर ही विश्वास करते हैं और हजारों की तादाद में संघ के साथ अपनी इच्छा से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कुछ स्वयं-भू शिक्षक नेता संघ को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं और शिक्षकों में गलत भ्रांतियां फैला कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने में लगे हुए हैं।