पंकज शर्मा। ज्वालामुखी
शक्तिपीठ ज्वालामुखी मन्दिर के कपाट पिछले 4 माह से बन्द पड़े हैं, और कुछ मन्दिर कर्मचारी मन्दिर अधिकारी जगदीश शर्मा के निर्देशों के अनुसार नादौन मार्ग पर स्तिथ मन्दिर न्यास के कीर्तन भवन व मातृ सदन में फूलों की बगिया महका कर वातावरण को शुद्ध कर रहे हैं। मन्दिर कर्मचारियों ने इस दौरान कीर्तन भवन व मातृ सदन की काया पलट दी है। जहां पहले बड़ी-बड़ी झाड़ियां व मिट्टी के ढेर हुआ करता थे, वहां आजकल सुंदर बाग बगीचा व फूलों की क्यारियां देखने को मिल रही हैं। कर्मचारी पूरी मेहनत व लग्न से इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं। लॉक डाउन समय में जब से मन्दिर के कपाट बंद हैं, मन्दिर कर्मचारी मातृ सदन व कीर्तन भवन की काया पलट रहे हैं। कर्मचारियों ने वर्षों से बंद पड़ी निकास नालियों को भी खोला है, जो कि मिट्टी से अटी पड़ी थी।
मन्दिर कपाट बंद होने पर डयूटी समय का कर रहे सदुपयोग
मातृ सदन व कीर्तन भवन में आने वाले अधिकारी इस कार्य को देख कर बेहद खुश हो रहे हैं। मन्दिर न्यास के अधीन मातृ सदन व कीर्तन भवन को संवारने की कवायद काफी समय से चल रही है, अब यहां लगा हुआ संगीतमय फव्वारा भी दोबारा पर्यटकों, श्रद्धालुओं व स्थानीय के लिए छटा बिखेरेगा जल्द ही इसका कार्य भी शुरू हो रहा है। कर्मचारियों ने अपने ड्यूटी समय का पूरा सदुपयोग करते हुए इसको निखारा है। कर्मचारियों ने परिसर में उगी झाड़ियों को भी साफ किया है और कई जगह जमीन समतल कर उसे चलने लायक बनाया है। चारदीवारी के पास भी निकासी नाली निकाल कर भी भूमि कटाव से बचाया है। मन्दिर अधिकारी जगदीश शर्मा ने बताया कि कर्मचारियों ने मेहनत की है और मातृ सदन व कीर्तन भवन में वर्षों से बंद पड़ी नालियों को ठीक किया और खाली पड़ी जगहों पर फूलों की क्यारियों व बगिया का निर्माण किया है, उनका कार्य सराहनीय है।