पर्यावरण क्षेत्र और लोगों का दुश्मन बना टेक्सटाइल उद्योग

उज्ज्वल हिमाचल। बद्दी
बद्दी में टैक्सटाइल उद्योग सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ाता पकड़ा गया। उद्योग सरेआम टैंकरों के जरिए केमिकल युक्त गंदा पानी सीरवेजलाइन में छोड़ रहे है जो कि सीधा बालद नदी से मिलती है। नदी में प्रदूषित पानी जाने से लोगों व पशुओं की जान पर बन रही है। हैरानी की बात तो यह है कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की नाक तले जमकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है और अधिकारी अपने कार्यालय में बैठकर प्रदूषण मुक्त के दावे कर रहे है।

बीते दिनों भी सरसा नदी में कैमिकल युक्त पानी छोड़ने का मामला सामने आय़ा था जिसके बारे में भी स्थानीय लोगों ने सूचित किया था। बोर्ड के अधिकारी इन उद्योगों पर कार्रवाई करने की बजाए सिर्फ खानापूर्ति कर रहे है। जबकि सीईटीपी केंदुवाला से कनेक्ट होने के बाबजूद भी टेक्सटाइल उद्योग यूनिट-2 द्वारा टैंकरों से गन्दा पानी बाहर भेजा जा रहा है। वहीं जो टैंकर ठेकेदार द्वारा उद्योग से निकलने वाले गंदे केमिकल युक्त पानी को आईपीएच की सीवरेज लाइन में डिस्चार्ज कर रहा है।

यह सीवरेज लाईन नीचे जाकर बाल्द नदी में गिर रही है और नदी के पानी को दूषित कर रही है। बाल्द नदी क्षेत्र की जीवनदायिनी नदी है जिसके पानी को प्रवासी कपड़े धोने के लिए, किसान के पशु पानी पीने के लिए ओर कुछ नदी किनारे के किसान इस पानी को सिंचाई के लिए भी प्रयोग करते हैं। ऐसे में टेक्सटाईल उद्योग से निकलने वाले टैंकरों द्वारा बाल्द नदी में जहर घोला जा रहा है जो पर्यावरण, किसानों और लोगों के लिए जानलेवा है।

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टेक्सटाइल उद्योग में सुबह 6 बजे टैंकर घुसते हैं और 9 बजे तक हजारों लीटर गंदा पानी बाहर डिस्चार्ज करते है। जब मीडिया टीम को इसकी सूचना मिली तो टीम ने एक ऑपेरशन किया जिससे टेक्सटाईल की काली करतूत से पर्दा उठ गया। उधर प्रदूषण कंट्रौल बोर्ड बद्दी के अधीशाषी अभियंता प्रवीण गुप्ता का कहना है कि स्थानीय लोगों से सूचना मिली थी जिसके बाद टीम को मौके पर भेजा गया जिसके तहत कंपनी को नोटिस भेजा है।

हिम परिवेश संस्था के अध्यक्ष लक्ष्मी ठाकुर का कहना है कि प्रदूषण कंट्रौल बोर्ड कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करता है। उन्होंने कहा कि कई सालों से बोर्ड के अधिकारी कुर्सियों पर कुंडली डालकर बैठे हुए है जो कि उद्योगों पर कड़ी कार्रवाई अमल में नही लाते है और न ही समय-समय पर निरीक्षण करते है। उन्होंने कहा कि मलपुर में प्लांट के निकासी से पिछले तीन माह से सरेआम पानी सिरसा नदी में जहर घोल रहा है जिसकी कोई जानकारी विभाग के पास नही थी जिसके बारे में भी स्थानीय लोगों ने बताया था।

संवाददाताः सुरिंन्द्र सिंह सोनी

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