शिमला में मासूम को मौत के घाट उतारने वाली खूंखार मादा तेंदुए का शावक पिंजरे में कैद

उज्जवल हिमाचल। शिमला

राजधानी शिमला में मासूम बच्चे को मौत के घाट उतारकर दहशत का पर्याय बने खूंखार माता तेंदुआ को पकड़ने के बाद उसके एक शावक को भी वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है। शावक की तलाश में जुटी शिमला वन्य प्राणी विभाग की टीम को लगभग दो माह बाद गुरुवार रात को पकड़ने में सफलता मिली है। शहर के कनलोग जंगल में लगाए गए पिंजरे में शावक कैद हुआ है। आज सवेरे फील्ड स्टाफ ने इसकी सूचना महकमे के आला अधिकारियों को दी।

पकड़ में आया शावक लगभग 9-10 माह का है। यह शावक उसी मादा तेंदुए का है, जो दिवाली की रात डाउनडेल इलाके में घर के आंगन में खेल रहे मासूम को उठा ले गई थी और उसे मौत के घाट उतार दिया था। हादसे के तीन दिन बाद मासूम का शव निकटवर्ती जंगल में क्षत-विक्षत हालत में मिला था। इससे पहले अगस्त माह में खलीनी में एक बच्ची को भी तेंदुए ने मार डाला था।वन विभाग ने खुंखार तेंदुए की तलाश शुरू की और नवंबर माह में मादा तेंदुआ कनलोग के ही जंगल में पिंजरे में कैद हुई थी। मादा तेंदुए को बाद में रेस्क्यू सेंटर टूटीकंडी ले जाया गया था। ट्रैप कैमरों में मादा तेंदुए के साथ उसके दो शावकों की मूवमेंट मिलने के बाद महकमे ने शावकों को पकड़ने के लिए आपरेशन चलाया और दिसंबर माह में एक शावक इसी जंगल में पकड़ में आया था।

उल्लेखनीय है कि क्षेत्र से अब तक मादा तेंदुआ और उसका एक शावक पिंजरे में कैद हो चुका हैं। अब शावक के पिंजरे में कैद होने से वन विभाग के साथ स्थानीय लोगों ने भी राहत की सांस ली है। वन्य प्राणी विभाग के पीसीसीएफ अनिल ठाकुर ने कनलोग के जंगल में लगाए गए। पिंजरे में शावक के कैद होने की पुष्टि की है।

उन्होंने बताया कि यह उसकी मादा तेंदुए का शावक है, जो डाउनडेल में पांच साल के बच्चे को उठा ले गई थी। उन्होंने कहा कि मादा तेंदुआ और उसके दो शावकों की तलाश में तीन माह तक सर्च आपरेशन चलाया गया। इसमें विभाग के एक दर्जन कर्मचारियों ने अपने जिम्मेदारी का निर्वहन किया।