चुनावी साल आते ही फिर बाहर निकला नुरपुर को जिला बनाने का “जिन्न”

विनय महाजन। नूरपुर

नूरपुर को जिला बनाने का अब तक गौण चल रहा मुद्दा विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों में अब फिर से लोगों के बीच अब फिर से सुलगने लगा है। सन 1898 में हमीरपुर उना कुल्लू नुरपुर व लाहौल स्पति कुल पांच तहसीले गठित हुई थी जिनमें नुरपुर को छोड़कर शेष तहसीलों को जिले का दर्जा मिल गया। लेकिन अभी तक अभागे नुरपुर को जिले का दर्जा बनने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ। इसका कारण क्या हो सकता है??… यह बात तो सियासी पार्टीयों के नेता ही समझते हैं कि आखिर यह मामला चुनावी साल में क्यों गर्म होता है। यह। प्रश्न नुरपुर क्षेत्र के हर नागरिक की जुबान पर चर्चित आजकल हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जिलों का आखिरी पुनर्गठन 1971 में किया गया था। नीचले क्षेत्र नुरपुर जवाली फतेहपुर इन्दौरा क्षेत्रों पर आधारित नुरपुर को जिला बनाने की मांग लगभग डेढ़ दशक से उठती रही हैं। एक संघर्ष समिति के बैनर तले एक आन्दोलन भी जिला बनाओ का आरम्भ हुआ था। 2021 में नूरपुर को जिला बनाने की मुहिम की नौटंकी आरम्भ हुई थी। 2012 बर्ष में धूमल सरकार के शासन में नूरपुर में दो जिला स्तर के कार्यलय चुनावी बर्ष में खोले गए थे।

अगली सरकार के आगमन के साथ इसका अन्त हो गया था। अनेक बार कुछ राजनीतिक नेताओं ने नुरपुर को जिला बनाने की खातिर जनता के साथ अपने इरादे प्रकट करते हुए कहा था कि अगर नुरपुर को जिला नहीं वनवास सका तब चुनाव नहीं लडूगा। इस साल चुनावी साल की विगुल वज गया है एक बार फिर यह मुद्दा गर्मागर्म हो गया है। सोशल मीडिया में जव यह मुद्दा आया है कि सरकार सुन्दरनगर नुरपुर पालमपुर व मुहाशु को जिला बनाने जा रही है।

ऐसी चर्चाओं के साथ फिर एक बार क्षेत्र की जनता को उम्मीद बंधी है किशायद इस बार दिल का यह सपना अरमानों की तरह आसू नहीं वहाऐगा। नुरपुर, ज्वाली, फतेहपुर व इन्दौंरा क्षेत्रों के कई स्थान जिला मुख्यालय से काफी दूरी पर स्थित है जिनकी दूरी 100 व 150 किमी के लगभग है। नये जिला बनने से इन सभी क्षेत्रों के लोगों को लाभ मिलेगा तथा भटियात क्षेत्र की जनता को भी लाभ होगा अगर नुरपुर को जिले का दर्जा मिलता है।

यह मुद्दा नुरपुर में भाजपा के विधायक व वर्तमान में हिमाचल प्रदेश सरकार में बन मंत्री राकेश पठानिया द्वारा हिमाचल प्रदेश में उठाया गया था इतना ही नहीं पठानिया ने इस सन्दर्भ में संघर्ष समिति के साथ किसी समय में आन्दोंलन का नेतृत्व किया था। आज भी लोगों की नजरें इस बात पर टिकी है कि वह सरकार में रहते हुए नीचले क्षेत्र की इस चिरकाल मांग को अमलीजामा पहनाने में सफल हो पाते हैं या नहीं। उधर नगरपालिका नुरपुर पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से भी नुरपुर को जिला बनाने की गुहार लगाई है।