हिमाचल में नहीं थम रहा दुर्घटनाओं का ग्राफ, NH-21 चंडीगढ़-मनाली पर हैं 17 ब्लैक स्पॉट

उमेश भारद्वाज। मंडी
हिमाचल प्रदेश की सड़कों पर लगातार बढ़ रहा दुर्घटनाओं का ग्राफ चिंता का विषय बनता जा रहा है। जहां प्रदेश में सड़कों की खराब हालत हादसों को न्योता दे रही हैं। वहीं अधिकतर हादसे मानवीय भूल और यातायात नियमों की अवेहलना से सामने आ रहे हैं। इसके तहत मंडी जिला पुलिस द्वारा नेशनल हाईवे-21 चंडीगढ़-मनाली पर 17 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए हैं। ये वे स्थान हैं जहां बार-बार हादसे होते हैं।
 लोग अपनी जान से भी हाथ धो बैठते हैं। पुलिस विभाग अब इस रिपोर्ट को एनएचएआई और लोक निर्माण विभाग को देगा। विभाग इन ब्लैक स्पॉट पर हादसे रोकने के लिए इनको चौड़ा करने या अन्य किसी प्रकार की टेक्निकल खामी को दूर करने पर काम करेगा।
मंडी जिले में सुंदरनगर थाना के तहत पुराना बस स्टैंड, कनैड के नजदीक, राष्ट्रीय उच्च मार्ग-21 नजदीक महावीर स्कूल, सिनेमा चौक को चिह्नित किया है। बल्ह में डडौर, ट्रक यूनियन चौक, मल्होत्रा अस्पताल, मेडिकल कालेज नेरचौक को चिह्नित किया गया है। औट थाना के तहत औट टनल, कनौज, हणोगी, खमरादा को ब्लैक स्पॉट चिह्नित किया है।
 हिमाचल पुलिस ने प्रदेश में 142 ब्लैक स्पॉट की पहचान की है जो लगातार घातक दुर्घटनाओं का गवाह बनते हैं। पुलिस विभाग द्वारा संकलित पिछले पांच वर्षों के सड़क दुर्घटना के आंकड़ों के अनुसार औसतन 2700 दुर्घटनाओं में 1100 से अधिक लोगों की मौत हुई है। सभी 12 जिलों में लगातार हो रहे रोल डाउन हादसों के आधार पर संबंधित पुलिस अधीक्षकों द्वारा संवेदनशील स्थानों की पहचान की गई है।
क्या है ब्लैक स्पॉट
‘ब्लैक स्पॉट’ राष्ट्रीय राजमार्गों का करीब 500 मीटर का वह हिस्सा है, जहां तीन वर्षों में पांच सड़क दुर्घटनाएं हुई हों या इन तीन वर्षों में वहां कुल 10 लोगों की जान गई हो। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, ‘ब्लैक स्पॉट’ दायरे में वे सड़क दुर्घटनाएं आती हैं,
जिनमें लोगों की मौत हुई हो या गंभीर रूप से घायल हुए हों। सड़क मार्ग पर जिन स्थानों पर भी दो से तीन हादसे होते हैं और किसी की मौत होती है तो उसे ब्लैक स्पाट में शामिल किया जाता है। मंडी जिला में चिह्नित इन स्थानों पर अब तक 20 से अधिक हादसे हो चुके हैं।