नूरपुर में है एक ऐतिहासिक गांव, क्या है खासियत, जानिए वजह

वन भूमि के कारण लटकी हैं विकास परियोजनाएं

उज्ज्वल हिमाचल। नूरपुर

नूरपुर विधान सभा क्षेत्र की पिछडी पंचायत हाथीधार का टीका नगरोटा गांव कुछ दशक पूर्व न सिर्फ व्यापार का प्रमुख केंद्र हुआ करता था बल्कि किसी समय इस गांव को छोटे शिमला के नाम से जाना जाता था। यह एक ऐतासिक गांव है जिससे भारत के प्रथम मुख्य न्यायाधीश मेहर चंद्र महाजन सहित अनेक हस्तियों का संबंध रहा है। गौरतलब है कि भारत के पूर्व ऊर्जा मंत्री विक्रम महाजन भी भडवार क्षेत्र से सम्बंध रखते है व उनकी पुश्तैनी बंगला भी यहां पर आज भी है।

टीका नगरोटा की सीमा भटियात क्षेत्र के साथ नाम मात्र की दूरी पर है अगर टीका नगरोटा से मात्र 5 किलोमीटर एक सड़क भटियात के टुंडी क्षेत्र की तरफ बन जाए तो जहां जिला कांगड़ा के अधिकांश भागों को चोवाड़ी, सिहुंता, समोट, टुंडी की दूरी महज कुछ किलोमीटर की रह जाएगी। वही यह सभी क्षेत्र और विकसित हो जाएंगे प्रकृति गोद में बसे इन इलाकों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इस सड़क को बनाने के लिए इस गांव से संबंध रखने वाले पूर्व सेशन जज पंजाब निवासी हिमाचली गांव टिक्का नगरोटा भुवनेश गुप्ता द्वारा भटियात के विधायक तथा विधानसभा के स्पीकर कुलदीप पठानिया को एक पत्र इस जनहित समस्या को लेकर भी लिखा है।

यह भी पढ़ेंः नूरपुर, इंदौरा के विकास कार्यों का विक्रमादित्य करेंगे निरीक्षण

उधर, नूरपुर के विधायक रणवीर सिंह निक्का द्वारा भी प्रदेश सरकार से उक्त क्षेत्र के लिए भटियात क्षेत्र की 5 किलोमीटर सड़क बनाने की मांग की है ताकि क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। गौरतलब है कि इस मामले में विभाग 29 नवंबर को नूरपुर में आ रहे लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य के सामने जन हित काफी समय से चली आ रही। इस समस्या को रखने के लिए दस्तावेज तैयार कर चुका है। यह जानकारी गुप्त सूत्रों के मुताबिक लोक निर्माण विभाग से मिली है। विभाग की अधिकांश विकास योजनाएं वन भूमि के कारण लटकी हुई है जिसका उदहारण यह गांव है।

संवाददाताः विनय महाजन

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें