हजारों साल पुराने ये सिक्के बताते हैं राजाओं की कहानी

उज्ज्वल हिमाचल। शिमला

राजधानी के गेयटी थियेटर में चल रहे भारतीय मुद्रा परिषद के मुद्रा मेले में आए पुराने सिक्के लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। हजारों साल पुराने यह सिक्के बताते हैं कि रजवाड़ाशाही में किस तरह के सिक्कों का इस्तेमाल होता था। बिना मशीन के आकर्षक डिजाइन में बने इन सिक्कों को देखकर लोग हैरान हैं।

गेयटी के टेवरन हॉल में आयोजित सिक्कों की प्रदर्शनी में सातवाहन वाले और पंचमार्क के सिक्कों के डिजाइन लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं। सात वाहन वाले सिक्के शीशा और तांबे में ढाले गए हैं। इन पर मुख्यतरू वृष, गज, सिंह, अश्वए पर्वत, जहाज, चक्र स्वस्तिक, कमल, त्रिरत्न और उज्जैन चिन्ह क्रॉस से जुड़े चार बाल अंकित हैं।

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स्टॉल के संचालक प्रेम पीयूष कुमार ने बताया कि यह सिक्के महाराष्ट्र और गुजरात की सीमा पर बालू छानने वालों को मिले थे। बताया कि यह लगभग 1000 से 1200 साल पुराने हैं। पंचमार्क के सिक्के मौर्यकाल में चलन में थे। उन्होंने बताया कि कौटिल्य के अर्थशास्त्र में इनके बारे में जानकारी दर्ज है।

ब्यूरो रिपोर्ट शिमला

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