हर बीमारी का इलाज इस पुरानी दवा में, ना ही होते साइड इफेक्ट्स

उज्ज्वल हिमाचल। नैहरियां

राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नैहरियां में बुधवार को 19 वर्ष तक की आयु के 48 प्रशिक्षुओं को एल्बेंडाजोल दवा खिलाई गई। संस्थान के समूह अनुदेशक राकेश कुमार ने संस्थान के अनुदेशकों और स्थानीय आशा वर्कर संदेश कुमारी की उपस्थिति में बच्चों को यह दवा खिलाई। इस अवसर पर संस्थान के प्रधानाचार्य ईंजीनियर प्रवेश शर्मा ने बताया कि यह एक सुरक्षित दवा है और इस दवा के खाने से कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता। यह दवा पेट के कीड़ों व कृमियों को समाप्त करने के लिए दी जा रही है।

पेट में अधिक कीड़े या कृमि होने की स्थिति में यह दवा देने पर इन बच्चों को हल्की सी उल्टी या चक्कर आ सकता है। ऐसी स्थिति में घबराने की आवश्यकता नहीं है। ऐसी स्थिति में बच्चों को थोड़ा समय के लिए खुली हवा में लेटा देना चाहिए और पानी पिला देना चाहिए। इसके उपरांत 5 से 7 मिनट में ही बच्चा सामान्य अवस्था में आ जाता है । यह दवा बच्चों को खाली पेट कभी नहीं खिलानी चाहिए।

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उन्होंने बताया कि आज किसी कारणवश जो प्रशिक्षु एल्वेंडाजोल की खुराक से वंचित रह गए , उन्हें 5 दिसंबर को मौप-अप राउंड के अंतर्गत यह दवा खिलाई जाएगी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रत्येक 6 माह के दौरान प्रत्येक व्यक्ति को एल्बेंडाजोल की दवा का सेवन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पेट में कीड़े इत्यादि होने के कारण जो ऊर्जा खान-पान से व्यक्ति को मिलनी चाहिए, वह उसे पूरी तरह से प्राप्त नहीं हो पाती है तथा व्यक्ति के अनीमिया का शिकार होकर कई बीमारियों की चपेट में जल्द आने की संभावना बनी रहती है । इसी के मध्यनजर एल्बेंडाजोल की यह खुराक दी जाती है।

ब्यूरो रिपोर्ट नैहरियां

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