तीन संस्थानों को मिली AICTE से ग्रेडेड ऑटोनॉमी की मान्यता

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

अमेरिकी लेखक डैनियल एच. पिंक के मुताबिक, “रचनात्मक लोगों को तीन चीजें ज्यादा प्रेरित करती हैं – स्वायत्तता, निपुणता और उद्देश्य।” यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि अगर कोई व्यक्ति या संस्था निपुण है और उसका उद्देश्य स्पष्ट है, तो उसे आगे बढ़ने के लिए स्वायत्तता यानी मर्जी से काम करने की आजादी दे देनी चाहिए। इससे उसका और उससे जुड़े हितधारकों का तेजी से विकास संभव हो पाएगा। उच्च शिक्षा में यूनिवर्सिटी या शैक्षणिक संस्थाओं को दी जाने वाली वर्गीकृत स्वायत्तता (ग्रेडेड ऑटोनॉमी) इसी सोच पर आधारित है।

ऑटोनॉमी का ग्रेड मिलने के बाद शैक्षणिक संस्थान बिना किसी दखल के छात्रों के सही विकास के लिए स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकते हैं। वैसे ये मान्यता उन्हीं संस्थाओं को मिलता है, जिन्होंने विभिन्न सुविधाओं के साथ छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी है। मतलब जिसकी परफॉर्मेंस अच्छी उसको उस हिसाब से ऑटोनॉमी यानी स्वायत्तता दी जाती है, ताकि वह खुद को और ज्यादा बेहतर बना सके। इसमें संस्थान को यह स्वतंत्रता होती है कि वह खुद ही पाठ्यक्रम में बदलाव करें, जिससे बदलते समय के साथ छात्रों का सही दिशा में विकास संभव हो सके।

इसके अलावा, संस्थान बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए फॉरेन फैकल्टी को भी हायर कर सकता है। यहां तक कि विदेशी छात्र भी संस्थानों में दाखिला ले सकते हैं। साथ ही रिसर्च पार्क और इनक्यूबेशन सेंटर खोलने की भी स्वायत्तता दी जाती है। इसमें एक और फायदा यह है कि संस्थान विश्व की टॉप यूनिवर्सिटी के साथ कोलेबोरेशन भी कर सकते हैं। इस तरह ग्रेडेड ऑटोनॉमी वाले संस्थानों में छात्रों को बहुत ही शानदार एक्सपोजर मिलता है। इससे छात्र तेजी से आधुनिक शिक्षा की ओर अग्रसर होंगे।

हाल ही में Jaipuria Institute of Management के दो अन्य कैंपस जयपुरिया नोएडा और जयपुरिया जयपुर को All Indian Council for Technical Education (AICTE) द्वारा वर्गीकृत स्वायत्तता मिली है। इससे पहले जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट – लखनऊ को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुआ था। यह PGDM प्रोग्राम्स चलाने वाले देश के अग्रणी बी-स्कूल समूह जयपुरिया के लिए गर्व की बात है। बता दें कि किसी भी संस्थान की ग्रेडिंग अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू रैंकिंग और मान्यता प्रणालियों पर आधारित होती है। उन्हें ऑटोनॉमी यानी स्वायत्तता का तमगा परिषद के नियामक निरीक्षण के बाद ही मिलता है।

AICTE एक बड़ी और सम्मानीय गवर्निंग बॉडी है और किसी भी संस्थान के लिए इससे सम्मान पाना बहुत ही गर्व की बात है। इस तरह का सम्मान शैक्षणिक संस्थानों को दोहरी जिम्मेदारी देता है। पहला, यह सुनिश्चित करना कि संस्थान निर्धारित मानदंडों का पालन करते रहें और दूसरा, छात्रों को आगे बढ़ने और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अवसर प्रदान करते रहना।

इसकी जांच नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिएशन (NBA) की वेलिडेशन टीम करती है। एक्रीडिएशन टीम यह देखती है कि यूनिवर्सिटी या संस्थान की परफॉर्मेंस करिकुलम, लर्निंग, इवैल्यूएशन, रिसर्च, इंफ्रास्ट्रक्चर, गवर्नेंस और लीडरशिप में कैसी है। इसी आधार पर उन्हें स्कोर दिया जाता है। Jaipuria Institute of Management का विकसित और प्रभावशाली पाठ्यक्रम छात्रों के समग्र विकास में मदद करता है। इसने ना केवल समय के साथ खुद को बदला है, बल्कि उद्योग के इनपुट से छात्रों को लगातार परिचय कराता रहा है।

जयपुरिया का लक्ष्य मजबूत और इंडस्ट्री एक्सपीरियंस फैक्ल्टी के साथ छात्रों को नए युग की शिक्षा प्रदान करना है। छात्रों के लिए जयपुरिया का प्रयास उन्हें समग्र विकास की ओर ले जाना है और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार कर वैश्विक पेशेवर के रूप में विकसित करना है। बिजनेस एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे नए युग के पाठ्यक्रम की पेशकश करने वाले उद्योग के रुझान को ध्यान में रखते हुए जयपुरिया हमेशा फैकल्टी और छात्रों के बीच विविधता को बनाए रखना चाहता है। शानदार प्लेसमेंट, समावेशी प्रोफाइल इसका एक प्रमाण है। यह विकास का पक्षधर रहा है और पिछले ढाई दशक में इसने जो कुछ भी बनाया है, उसे और भी मजबूत करना चाहता है।

अब जयपुरिया अपने सभी कैंपस के लिए AACSB अंतर्राष्ट्रीय मान्यता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और इसके लिए सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। वैसे इसमें कोई दो राय नहीं है कि ग्रेडेड ऑटोनॉमी मान्यता आगे के रास्ते को आसान बनाएगी और बी स्कूल के लिए भविष्य की योजनाओं को प्रभावित करेगी। शैक्षणिक सत्र 2021-23 के लिए एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। Jaipuria Institute of Management ने मेधावी छात्रों के लिए 3.89 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति की भी घोषणा की है।