हिमाचल : कोरोना के नियम कड़े होने के बाद मंदिर घटी श्रद्धालुओं की संख्या

एसके शर्मा। हमीरपुर

उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में कोरोना मामलों को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से अन्य राज्यों से बिना टीकाकरण व टेस्ट आने वाले लोगों पर लगाई बंदिशों का असर दिखने को मिल रहा है। बंदिशें लगने के बाद दियोटसिद्ध मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई है। मंदिर में बाबाजी की गुफा के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा अब एक से डेढ़ हजार तक रह गया है। नई गाइडलाइन आने के बाद दियोटसिद्ध मंदिर न्यास मुस्तैद हो गया है। बताते चलें कि बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में न्यास उसी श्रद्धालु को मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति दे रहा है। जिसके पास दोनों कोरोना टीकाकरण प्रमाणपत्र या फिर आरटीपीसीआर रिपोर्ट है। मंदिर न्यास ने रैपिड टेस्ट की सुविधा शुरू की है।

मंदिर परिसर के आसपास के सभी मुख्य प्रवेश स्थलों पर थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा लंगर को बंद रखा गया है। प्रतिदिन मंदिर परिसर को कम दो से तीन बार सैनिटाइज किया जा रहा है। दियोटसिद्ध मंदिर में हिमाचल के अलावा पंजाब, दिल्ली व अन्य राज्यों से श्रद्धालु शीश नवाकर सुख समृद्धि की कामना करते हैं। दियोटसिद्ध मंदिर में पुलिस जवान तैनात किए हुए हैं। नियमों के तहत मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए जा रहे हैं।

मंदिर सुबह पांच से रात नौ बजे तक खोला जा रहा है। न्यास प्रशासन द्वारा कोरोना के चलते पिछले डेढ़ वर्ष से मंदिर के लंगर व धर्मशालाओं को बंद रखा गया था, लेकिन विगत माह से मंदिर न्यास ने धर्मशालाओं को खोल दिया गया है व लंगर को बंद रखा गया है। लेकिन कोरोना के दिन प्रतिदिन बढ़ रहे मामलों को देखते हुए मंदिर की लंगर व्यवस्था बहाल होने में भी और समय लग सकता है। लंगर व्यवस्था बहाल न होने से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को भोजन के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है।

उधर कार्यकारी मंदिर अधिकारी अजय सिंह ने बताया कि मंदिर में कोरोना नियमों का पालन करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिना कोरोना टीकाकरण प्रमाण पत्र और आरटीपीसीआर रिपोर्ट के मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है। बिना मास्क आ रहे श्रद्धालुओं को जागरूक भी किया जा रहा है। अगर फिर नहीं माने तो जुर्माने का भी प्रविधान है।