कांगड़ा से पांच बार के विधायक रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी विद्यासागर की पुण्यतिथि आज

कांगड़ा से पांच बार के विधायक रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी विद्यासागर की पुण्यतिथि आज

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा
कांगड़ा क्षेत्र (Kangra Area) के प्रमुख नेता, समाज सेवा में समर्पित पद दलितों के हिमायती हिमाचल प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के चौधरी विद्यासागर (Choudhary Vidyasagar) का नाम स्वयं में एक परिचय है, इसके लिए किसी और परिचय की आवश्यकता नहीं।

फिर भी माननीय चौधरी विद्यासागर किस प्रकार प्रगति और सफलता के चरम शिखर पर पहुंचे इस बारे में हमें यह कहते हुए प्रसन्नता होती है कि इनका जन्म 7 सितम्बर 1935 को जिला कांगड़ा के जमानाबाद गांव में हीरा लाल के घर में हुआ था। इनका विवाह विमलेश कुमारी से हुआ। पारिवारिक दृष्टि से उनके दो पुत्र तथा चार पुत्रियां हैं। चौधरी विद्यासागर की प्रगति यात्रा तब से आरम्भ हुई जबसे सरकारी कर्मचारी तथा अराजपत्रित कर्मचारी संघ ने इसकी प्रतिभा को ध्यान में रखते हुए इन्हें अपना नेता स्वीकार किया। यह सितम्बर 1957 से उद्योग विभाग में सेवारत रहे परन्तु राजनीति में रूचि होने के कारण इन्होंने अप्रैल 1982 में सेवा निवृति हो गए।

अपने कार्यकाल में यह अराजपत्रित कर्मचारियों के आन्दोलन में सक्रिय रूप में रहे तथा उनको समस्याओं के समाधान के लिए निरन्तर संघर्षरत रहे। जब सन् 1970 और 1980 में अराजपत्रित कर्मचारियों की राज्यव्यापी हड़ताल हुई, तो इन्होंने कर्मचारी वर्ग का कुशल नेतृत्व किया। केवल इतना ही नहीं, कर्मचारियों के हितों के लिए इन्हें चम्बा और धर्मशाला में कारावास की सजा भी भुगतनी पड़ी।

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इसके बावजूद भी इनकी समाज सेवा तथा उत्साह में कोई कमी नहीं आई। सन् 1972 मे 1982 के दौरान इन्होंने अनेक महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। अराजपत्रित कर्मचारी संघ के सह वित्त सचिव संयुक्त सचिव तथा उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करते हुए इन्होंने इस संघ को नई दिशा प्रदान की। कर्मचारी संघ के वरिष्ठ उपप्रधान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुख्य सलाहकार आदि के रूप में इनकी सेवाओं को सदैव स्मरण किया जाता रहेगा।

राजनैतिक जीवन के साथ-२ सामाजिक जीवन भी चौधरी विद्यासागर की केवल महत्त्वपूर्ण भूमिका ही नहीं रही अपितु इन्होंने जन साधारण का भी मार्ग दर्शन किया। किसानों तथा ग्रामीण समस्याओं को सुलझाने में इनकी तत्परता विशेष रूप से उल्लेखनीय कहीं जा सकती है। यही कारण है कि चौधरी जी दस वर्षो तक ग्राम सुधारसभा जमानाबाद के संयोजक एवं प्रधान रहे। केवल इतना ही नहीं, समाज में उपेक्षित जातियों तथा कमजोर वर्ग को निरन्तर इनका सहयोग और पथ प्रदर्शन मिलता रहा। ये पाँच वर्षो तक पुत बाहती बाग सभा तथा अखिल भारतीय महासभा के क्रमशः सचिव और संयुक्त सचिव रहे।

विधानसभा हिमाचल प्रदेश में भी चौधरी विद्यासागर ने नेतृत्व और विकास की भूमिका निभाई। ये सर्वप्रथम सन 1982, 1985 तथा उसके बाद 1990 में विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। इनकी लोकप्रियता तथा कार्य कुशलता के आधार पर सन् 1990 में इन्हें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मन्त्री का कार्यभार सौंपा गया परन्तु सन 1992 में इनकी कार्य क्षमता से प्रभावित होकर इन्हें विभाग बदलकर सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में मन्त्री का दायित्व सौंपा गया। सन् 1998 में पुनः चुनाव हुए, उसमें चौधरी विद्यासागर अत्यधिक बहुमत से विजयी हुए तथा इनको हिमाचल प्रदेश सरकार में कृषि मन्त्री के रूप में कृषि विकास का महत्वपूर्ण दायित्व सौपा गया। इसके साथ ही भाजपा विधायक दल के सचिव के रूप में इनसे अनेक आशाएं थी।

ब्यूरो रिपोर्ट कांगड़ा

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