विकास कार्य पर बोर्ड न लगाकर दिखाया पारदर्शिता को ठेंगा

उज्जवल हिमाचल। फतेहपुर

पंचायतों में मनरेगा व अन्य फंडों से होने वाले विकास कार्यों पर हुए खर्च के ब्यौरे की पारदर्शिता बनी रहे इसके लिए पंचायतों को हर विकास कार्य पर लिखा जोखा बोर्ड लगाने के निर्देश हैं, फिर भी कई पंचायतों में हुए ज्यादातर विकास कार्यों में पारदर्शिता का दूर-दूर तक नाता दिखाई नही देता है।

बता दें पंचायतों में होने वाले किसी भी फंड के कार्यों के बोर्ड लगाने के सख्त निर्देश पंचायती राज विभाग द्वारा पंचायतों को दे रखे हैं, ताकि उपरोक्त कार्य पर खर्च हुए पैसों का पूरा ब्यौरा आमजन तक पहुंच पाए, लेकिन इस सब के बाबजूद विकास खंड फतेहपुर की बहुत सारी पंचायतें ऐसी हैं, जहां विकास कार्य हुए तो लंबा समय बीत गया है, लेकिन अभी तक पर्याप्त जानकारी मुहैया करवाने वाले बोर्ड नहीं लग पाएं हैं।

ऐसी ही एक पंचायत खंड फतेहपुर की भाटियां भी चर्चा में रह रही है, जहां कई ऐसे रास्तों के काम करीब एक साल पूर्ब या इसे पहले के हो चुके हैं, लेकिन अभी तक वहां पर पंचायत द्वारा बोर्ड नहीं लगवाए गए हैं, जिस कारण पंचायत की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में आ रही है। पंचायत के ही कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पंचायत के भिन्न-भिन्न वार्डों में करीब आठ से दस रास्ते ऐसे हैं, जिनका काम करीब एक पूर्व ही संपन्न हो गया था।

इसके बाबजूद पंचायत द्वारा उन पर कोई भी लेखा-जोखा प्रस्तुत करने वाला बोर्ड लगाया ही नहीं गया है। उन्होंने विभागीय उच्चाधिकारियों से मांग की है कि पंचायत में हुए विकास कार्यों की जांच की जाए। साथ ही लंबा समय बीतने पर भी पारदर्शिता दिखाने वाले बोर्ड न लगाएं जाने की सूरत में पंचायत से जबाबतलबी की जाए, ताकि बोर्ड न लगाएं जाने की वजह मालूम हो पाए।