नेक राम ने फिर पेश की इंसानियत की मिसाल, नहर में डूबने से बचाए दो बैल

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

बात जब इंसानियत की आती है, तो सभी भूल जाते हैं कि कौन अपना है, तो कौन पराया। फिर इसमें न हीं इंसान और न हीं जानवर का भेद देखा जाता है। ऐसे ही नेक काम करने के लिए मंडी जिला की ग्राम पंचायत बग्गी के नेक राम हमेशा अपनी जान को जोखिम में डालकर बग्गी से सुुंदरनगर की ओर बहने वाली बीबीएमबी नहर से सैकड़ों लोगों और आवारा पशुओं को नया जीवन दे चुके हैं। ताजा मामले में बग्गी क्षेत्र में बीबीएमबी नहर के किनारे आवारा बैल घास चर रहे थे। अचानक एक आवारा बैल का पांव फिसलने से दो और बैलों के साथ धक्का लगने से नहर में जा गिरे।

बैल तैरते-तैरते कुछ दूरी पर जा पहुंचे। इससे मौके पर लोगों का हजूम इक्कठा हो गया। सभी अपने अपने मोबाइल को निकाल कर फोटो और वीडियो बनाने का काम करते रहे, लेकिन किसी ने भी इंसानियत का परिचय नही दिया, लेकिन जब बग्गी के नेक राम को नहर में गिरे बैल की सूचना मिली, तो उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए नहर में गिरे दो बैलों को रस्सी के शहारे से बाहर निकाला। बता दें कि नेक राम ने आज दिन तक सैकड़ों के हिसाब से लोगों व आवारा पशुओं को नहर से डूबते हुए बाहर निकलकर नया जीवन दान दिया है।

नेक राम बग्गी चौक पर सब्जी की दुकान करते हैं, लेकिन जैसे ही नेक नहर में बैलों की सूचना मिली, तो उन्होंने अपनी दुकान को खुला छोड़ कर नहर में छलांग लगा दी। इसके उपरांत नेक राम बैल को पकड़ कर किनारे लाया गया। लोगों ने रस्सी का प्रबंध कर रस्सी के सहारे बाहर निकलने में मदद की। नेक राम ने कहा कि अगर समय पता लगता तो तीनों बैल नहर से निकाले जाते। दो बैलों को एक घंटे की कड़ी मशक्कत से बाहर निकाला।

इतने में तीसरे बैल को बाहर निकालने से पहले वह काफी दूर जा चुका था। उन्होंने कहा कि वह बैल धनोटू तक तैरता गया, लेकिन किसी ने भी इस बैल को बाहर निकालने में कोई सहायता नहीं की। इस बात का मुझे हमेशा मलाल रहेगा। वहीं, स्थानीय लोगो ने बीबीएमबी प्रबंधन से नेक राम को सुरक्षा किट मुहैया करवाने की मांग की है।

उधर, मामले की जानकारी देते हुए बीबीएमबी के अधिशाषी अभियंता एसपी शर्मा ने कहा कि जो लोग अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों व आवारा पशुओं की जान बचाने जैसे कार्य कर रहे हैं, उन्हें बीबीएमबी प्रबंधन द्वारा सुरक्षा कीट जल्द मुहैया करवाई जाएगी।