प्रदेश में कांग्रेस की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति के लिए प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व जिम्मेदार : हीरापाल

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस वर्तमान में दो फाड़ होने की कगार पर पहुंच गई है। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के बीच जारी इस घमसान में वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर के खिलाफ हर मोर्चे पर किलाबंदी जारी है। इस घमासान को लेकर प्रदेश कांग्रेस पार्टी के पूर्व वरिष्ठ सचिव और प्रदेश राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के सह संयोजक हीरापाल सिंह ठाकुर ने भी वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस को दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति तक पहुंचाने के लिए पार्टी के प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व को बराबर का जिम्मेदार ठहराया है।

हीरापाल सिंह ने कहा कि जब हाईकमान द्वारा पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुविंद्र सिंह सुख्खू को हटाकर प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व बदला गया था, तो केंद्रीय नेतृत्व द्वारा उस वरिष्ठ नेता को इस पद पर आसीन करना चाहिए था, जो प्रदेश की राजनीति और प्रत्येक क्षेत्र की जानकारी रखता हो। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष को बिना कोई चुनाव लड़े बड़े नेताओं के आशीर्वाद से इस पद पर नियुक्ति दे दी गई। इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हाईकमान में अपनी निष्ठा रखते हुए इस फैंसले को भी अंतिम मानकर अपना लिया गया।

अकुशल नेतृत्व ने डूबोई लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की कश्ती : ठाकुर
हीरापाल सिंह ने कहा कि इसके उपरांत लोकसभा चुनाव और दो उपचुनाव में भी पार्टी की हालत और दयनीय हो गई। उन्होंने कहा कि पहली बार इन चुनावों में 70 प्रतिशत वोट भाजपा के खाते में गया। उन्होंने कहा कि उपचुनाव के नतीजे भी अकुशल नेतृत्व के कारण ठीक नही रहे जबकि दोनो उपचुनाव कांग्रेस जीत सकती थी।

उन्होंनेे कहा कि इतना सब होने के बावजूद राज्य में जिला कार्यकारिणी साल भर नहीं बन पाई और जो कार्यकारिणी बाद में बनी उसमें दल-बदल करने वाले नेताओं के परिजन और नौसिखिए नेताओं को अहम जिम्मेदारियां बांटी गई। उन्होंने कहा कि जिला से संंबंध रखने वाले नेताओं से सलाह के बिना जिलाध्यक्षों की नियुक्ति कर दी गई, जिस कारण वर्तमान में स्थिति अनियंत्रित है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस में आए सुनामी के लिए केंद्रीय संगठन का ढुलमुल रवैया जिम्मेदार है।

आपसी फूट से प्रदेश में कांग्रेस हुई कमजोर : हीरापाल
ठाकुर ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस में फूट से कांग्रेस ने अपने आप को राज्य में कमजोर कर लिया है। उन्होंने कहा कि लंच डिप्लोमेसी और पत्र बम के बाद कांग्रेस नेताओं की प्रदेशाध्यक्ष की खिलाफत ने कांग्रेस को गहरा आघात पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार पर अनेक भ्रष्टाचार के आरोप लगे। लेकिन महगाई, आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और कोरोना जैसी माहमारी से उतपन्न अनेक समस्याओं को नहीं उठाकर प्रदेश में कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है। इसके लिए वर्तमान प्रदेश के साथ-साथ केंद्रीय नेतृत्व भी पूर्ण रूप से जिम्मेदार है। ठाकुर हिरापाल सिंह ने कहा कि भविष्य में कांग्रेस में तभी सुधार हो सकता है, जब तक अगले प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होती है।