ग्रामीणों ने पंचायत सचिव पर लगाए गैर जिम्मेदार होने के आरोप

चमेल सिंह देसाईक। शिलाई

विकास खण्ड शिलाई की ग्रामं पंचायत हलाह में स्थानीय लोगों ने पंचायत सचिव पर गैर जिम्मेदार होने के आरोप लगाए है मामले में स्थानीय प्रसाशन, जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार को शिकायत पत्र भेजा गया है तथा सचिव के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है। स्थानीय लोगों में वार्ड सदस्य प्रताप सिंह, पूर्व उपप्रधान केदार सिंह, पूर्व जिला परिषद सदस्य लायक राम, नवयुवक मंडल अध्यक्ष गोविंद प्रसाद, नम्बरदार रण सिंह बताते है कि बीते 8 जुलाई को पंचायत में ग्रामंसभा का आयोजन किया गया था। ग्रामंसभा का कोरम 2 बजे पूरा होने के बाद कार्यवाही शुरू की गई। एक दर्जन के करीब प्रस्ताव कार्यवाही में लिखें गए थे, लेकिन पंचायत में राशन डिपो खोलने को लेकर आपसी विवाद शुरू हुआ और पंचायत सचिव जिनको कार्यवाही लिखने का जिम्मा दिया गया था वह ग्रामंसभा से उठकर अपने कार्यालय चले गए।

इस दौरान उपमंडलाधिकारी शिलाई, खण्ड विकास अधिकारी शिलाई जिला पंचायत अधिकारी सिरमौर, सहित शिलाई पुलिस को इस आशय से फोन किया गया कि यदि सचिव खुद को असहज महसुस कर रहे है तो पुलिस सुरक्षा सचिव दिया जाना उचित होगा, लेकिन ग्रामंसभा की कार्यवाही फिर से शुरू की जाएं तथा राशन डीपो के प्रस्ताव को छोड़कर अन्य विकासात्मक कार्यों पर चर्चा करके प्रस्ताव पारित किए जाए ताकि समस्याओं का संसधान किया जा सकें, लेकिन न अधिकारियों ने कार्यवाही की और न ही सचिव ग्रामसभा में वापिस लौटे। जिसके कारण ग्रामंसभा में विकासात्मक प्रताव नहीं डाले जा सकें है। इतना ही नहीं बल्कि पंचायत सचिव ने कार्यवाही रजिस्टर में पंचायत वासियों के हस्ताक्षरों का फायदा उठाकर अपनी मर्जी से रात को प्रस्ताव डाले है। जिसकी पूरी पंचायत निंदा कर रही है, इसलिए पंचायत वासियों ने प्रशासन व सरकार से शिकायत पत्र में मांग की है कि 8 जुलाई को सम्पन्न हुई हलाह पंचायत की ग्रामंसभा को भंग करके नई तारिक जारी करें तथा सचिव के खिलाफ विभागीय कार्यवाही अम्ल में लाने की मांग गई है।

 

उल्लेखनीय है कि हलाह पंचायत में कार्यरत सचिव पहले से विवादों में रहे है, सचिव के खिलाफ 15 सितम्बर 2020 को पंचायतीराज निर्देशक के लिए ग्रामीणों ने शिकायत पत्र भेजा था, इसी माहं 26 सितम्बर को अतिरिक्त आयुक्त सिरमौर को शिकायत की गई, खण्ड विकास अधिकारी व उपमंडलाधिकारी शिलाई को कई बार सचिव की शिकायतें की गई है, 2 जून 2021 को फिर से मनमर्जी करने के आरोप सचिव पर लगे थे और शिकायत की गई, इनके अतितिक्त ग्रामीणों ने खण्ड अधिकारी व उपमंडलाधिकारी सहित उपायुक्त सिरमौर को शिकायत की है, जिसपर 28 जून को खण्ड विकास अधिकारी शिलाई को सख्त जांच के आदेश दिए गए है, और यह जांच आज तक सिरे नही चढ़ पाई है, 8 जुलाई को फिर से ग्रामीणों ने सचिव की मनमर्जी व अपने चेहतों को फायदा पहुचाने के प्रस्तावों को प्राथमिकता देने की कोशिशें की है जिसके बाद ग्रामंसभा में हंगामा हो गया और उक्त सचिव ने पूरी ग्रामसभा को मूर्ख बनाकर खुद ग्रामंसभा से उठकर अपने कार्यालय चले गए, जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने फिर प्रशासन से की है। इस बीच 30 जनवरी को उक्त सचिव का तबादला किया गया था लेकिन अच्छी रसूख रखने वाले सचिव के आगे सरकार के आदेश बौने नजर आए और सचिव ने न अपना स्थान छोड़ा, न सरकार सचिव के तबादले पर अन्य जगह भेज सकी है। अलबत्ता सरकार के आदेश बदल गए औऱ पंचायत में अभीतक वही सचिव कार्य कर रहे है। जिनकी पिछले एक वर्ष से पंचायतवासी तबादले की मांग कर रहे है। उपमंडलाधिकारी शिलाई राकेश सिंघा ने पत्र संख्या 1233 के अनुसार खण्ड विकास अधिकारी शिलाई को जांच के आदेश जारी किए है तथा कार्यालय को त्वरित कार्यवाही से अवगत करवाने की बात कही है।