सिवरेज के गंदे पानी से प्राकृतिक जल स्रोत हो रहे दूषित, लोगों में जमकर रोष

उज्ज्वल हिमाचल। बिलासपुर

बिलासपुर की कोठीपुरा व राजपुरा के साथ लगती ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने बिलासपुर एम्स प्रशासन से सिवरेज के गंदे पानी की निकासी के लिए उचित प्रबंध व इस समस्या के निदान की मांग की है। एम्स के सिवरेज के गंदे पानी से बावडियों व प्राकृतिक जल स्रोतों का पानी दूषित हो रहा है जो लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड है। उन्होंने जिला प्रशासन से भी इस समस्या के हल के लिए समुचित कदम उठाने की मांग की है। यहां पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री नयना देवी ब्लॉक कांग्रेस महासचिव श्रवण ठाकुर, अधिवक्ता अमित, उप प्रधान श्याम ठाकुर, समाज सेवी सुषमा देवी, उप प्रधान कचैली किशोरी, विक्की शर्मा सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा कि बिलासपुर एम्स द्धारा सिवरेज का गंदा पानी अकसर रात को छोडा जाता है।

जिससे साथ लगते गांवों के बावडियों व प्राक्रतिक जल स्त्रोतों का पानी दूषित हो रहा है। यहीं गंदा पानी गंभरोला खडड में भी मिलता है। जिस पर कई पेयजल योजना चल रही है। इस दूषित पानी के प्रयोग से कई बिमारियां फैल सकती है। वहीं ए उन्होंने बिलासपुर एम्स में एक निजी आउटसोर्स कंपनी द्धारा सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि कंपनी द्धारा एक ओर नो वोकेंसी कहकर प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सफाई कर्मचारी के पद नियुक्ति नहीं दी जा रही है।

वहीं हाल ही में पांच लोगों को बिना वाकेंसी के नियुक्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कंपनी के अधिकारियों पर सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति के मामले पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे गए थे। उन्होंने पुलिस विभाग से मांग करते हुए कहाकि इस मामले की जांच कहां तक पहुंची है। ताकि सच्चाई लोगो के सामने आ सके। उन्होंने एम्स व सफाई व्यवस्था का जिम्मा देखने वाली कंपनी के बीच हुए एमओयू को सार्वजनिक करने की भी मांग की है।

संवाददाताः सुरेंद्र जम्वाल

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