बदल रहा है मौसम ऐसे रखें अपना ख्याल

उज्जवल हिमाचल। नूरपुर

बसंत ऋतु न केवल फूलों और फसलों की खिलती हुई बाग़ों के साथ ही आनंद का मौसम होती है, बल्कि कुछ लोगों के लिए यह एलर्जी की परेशानी भी लेकर आती है। डॉ सन्नी जरयाल जो सुलियाली आयुर्वेदिक अस्पताल के विशेषज्ञ के पद पर तैनात उनका कहना है कि वसंत ऋतु में एलर्जी के मरीज़ों की संख्या में वृद्धि होती है। एलर्जी उस प्रतिक्रिया को कहते हैं जब शरीर को किसी बाहरी पदार्थ के साथ संपर्क करने पर अपने आप को बचाने के लिए इम्यून सिस्टम द्वारा एक प्रतिक्रिया उत्पन्न की जाती है।

आम लक्षणों में नाक का बहना या बंद होना, छींक आना, आंखों में खुजली और जलन, त्वचा पर रैशेज या खुजली, गले में खराश, और सांस लेने में कठिनाई शामिल होती है।वसंत के मौसम में, फूलों और पौधों के बढ़ते पराग कण एलर्जी के मुख्य कारण बनते हैं, साथ ही धूल के कण, तापमान में बदलाव, वायु प्रदूषण, और पालतू जानवरों की त्वचा के कण भी एलर्जी का कारण हो सकते हैं।कुछ लोगों को क्यों होती है एलर्जी और कुछ को नहीं?एलर्जी के पीछे कारण कई हो सकते हैं, जैसे कि आनुवांशिकी और पर्यावरण के प्रभाव। अगर किसी के माता-पिता को एलर्जी है, तो उनके बच्चों में भी एलर्जी का खतरा होता है। इसके अतिरिक्त, कुछ लोगों का इम्यून सिस्टम बहुत ज़्यादा सेंसिटिव होता है जो उन्हें जल्दी प्रतिक्रिया देता है और एलर्जी का कारण बनता है।

एलर्जी और सामान्य ज़ुकाम में लक्षणों में काफ़ी समानता होती है, लेकिन एलर्जी के लक्षण लंबे समय तक रह सकते हैं और इसमें बुख़ार नहीं होता। आँखों और गले में खारिश भी सामान्य ज़ुकाम में कम दिखती है। जब वातावरण में अधिक पराग कण होते हैं, तो कम से कम घर से बाहर निकलें।घर की सफ़ाई के लिए वैक्यूम क्लीनर का प्रयोग करें। बाहर जाते समय शरीर को ढक कर रखें, सनग्लासेस, हैट, और फेस मास्क का प्रयोग करें।पालतू जानवरों के पास कम से कम जाएं।बाहर से घर लौटते समय शावर लें और कपड़े बदलें। गुनगुने पानी में नमक डाल कर गरारे करें। नाक में गाय का घी डालें। दूध में हल्दी डाल कर पिएं। नियमित योगाभ्यास और प्राणायाम करें।

7-8 घंटे की नींद लें। डॉ. सन्नी जरियाल ने कहा कि एलर्जी बाले व्यक्ति को अपने तनाव को नियंत्रित करने के अलावा सेहत का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आपको एलर्जी की समस्या है तो इसे नजरअंदाज न करें। एक विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लें और और उचित उपचार कराएं।सावधानी बरतने से आप अपने जीवन को सुरक्षित और स्वस्थ बना सकते हैं।

संवाददाताः विनय महाजन

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