भगवान श्री गणेश की पूजा के लिए समर्पित प्रिय पुष्प के बारे में जाने

उज्जवल हिमाचल डेस्क…

गणेश चतुर्थी के दिन से गणेश उत्सव की शुरूआत हो गई है। सभी जगहों पर भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। मंदिरों और लोगों के घरों में श्री गणेश की गुंज सुनी जा रही है। लोग श्री गणेश की पूजा के लिए कई प्रकार की वस्तुओं का प्रयोग कर रहे है। जिसमें पुष्प भी सबसे महत्वपुर्ण हैं। गणेश पूजन में भगवान गणेश को कौन से फूल चढ़ाने चाहिए और कौन से नहीं, क्योंकि गणेश उत्सव के दौरान भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए भक्त तरह-तरह के प्रयास करतें हैं। केतकी का फूल भगवान गणेश, शंकर जी के पुत्र हैं और शिवगणों के गणपति भी। पौराणिक मान्यता के अनुसार शंकर जी को केतकी का फूल अप्रिय है, इस कारण भगवान गणेश को भी केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए।

तुलसी दल पद्म पुराण में वर्णन है कि न तुलस्या गणाधिपम्‌ अर्थात गणेश जी को तुलसी नहीं अर्पित करनी चाहिए। इसे पीछे एक पौराणकि कथा है कि एक बार तुलसी जी ने गजमुख और लम्बोदर कह कर भगवान गणेश से विवाह करने से इंकार कर दिया था। क्रोधित हो कर गणेश जी ने तुलसी जी को श्राप दे दिया था तब से गणेश पूजन में तुलसी चढ़ान निषेध है।

सूखे और बासी फूल भगवान गणेश को पूजन में भूलकर भी सूखे या बासी फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। गणेश जी के पूजन में में सूखे फूले चढ़ाना अशुभ माना जाता है, इससे घर में दरिद्रता का वास होता है। गुड़हल और लाल कनेर का फूल भगवान गणेश को लाल और पीला रंग सबसे ज्याद प्रिय है। इसलिए उनके पूजन में गुड़हल या लाल कनेर का फूल चढ़ाने से गणेश जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मुराद पूरी करते हैं।