उज्ज्वल हिमाचल। मंडी
मंडी में एचआरटीसी चालक और परिचालक प्रबंधन के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। इनका आरोप है कि डीएम मंडी ने लंबे रूट पर चलने वाले चालकों और परिचालकों के रेस्ट डे को बंद कर दिया है। जब यूनियन राज्य कार्यकारिणी ने डीएम के समक्ष इस बारे में अपनी बात करना चाही तो डीएम ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। जिसके बाद चालक व परिचालकों ने मंडी डिपो के सभी चालकों व परिचालकों ने 135 बसों के चक्के जाम कर डीएम गेट के बाहर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
इनका कहना है कि चालक व परिचालक जब लॉन्ग रूट पर जाते थे तो उन्हें रेस्ट के लिए एक दिन का समय दिया जाता था। अब चालकों व परिचालकों को उसी दिन वापस ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है जो सरासर अन्याय है। एचआरटीसी चालक यूनियन के राज्य प्रधान और जेसीसी के अध्यक्ष मानसिंह ठाकुर ने आरोप लगाते हुए जब इस विषय के बारे में डीएम मंडी विनोद कुमार से बात करना चाही तो उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया। उनका रवैया चालकों और परिचालकों के प्रति बिल्कुल भी ठीक नहीं था।
इसके बाद अब यूनियन ने हड़ताल का फैसला लिया और मंडी डिवीजन की बसों को डीएम कार्यालय के बाहर बुलाकर चक्का जाम कर दिया है। उन्होंने बताया जब तक डीएम मौके पर आकर सभी से माफी नहीं मांगते हैं तो उनकी यह हड़ताल जारी रहेगी और पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन किए जाएंगे। वहीं उन्होंने बताया कि एचटीसी की वर्कशॉपों में 10 मैकेनिकों की जगह दो मैकेनिक कम कर रहे हैं। सभी बसों की हालत खस्ता हो चुकी है और चालक परिचालक जान हथेली पर रखकर इन खटारा बसों को चला रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एचटीसी की वर्कशॉपों में कबाड़ से उठाकर स्पेयर पार्ट्स बसों में डाले जा रहे हैं। जिससे प्रदेश के लोगों के साथ भी प्रबंधन खिलवाड़ करने में लगा हुआ है।
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उधर, इस विषय पर जब डीएम मंडी विनोद कुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि चालकों व परिचालकों द्वारा मांगे उनके समक्ष नहीं रखी गई है। ना ही हड़ताल को लेकर कोई सूचना उन तक पहुंची है। डीएम ने बताया कि उन्होंने स्वयं पत्र लिखकर वार्ता के लिए चालकों व परिचालकों को बुलाया था परंतु इन्होंने पत्र स्वीकार नहीं किया है।