हिमाचल : एक करोड़ की लागत वाले ऑक्सीजन प्लांट का पीएसए में कार्य जारी

उमेश भारद्वाज। मंडी

कोविड-19 की दूसरी लहर की तरह संभावित तीसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत न होने के लिए मंडी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारियां की जा रही हैं। जोनल अस्पताल मंडी में पीएम केयर्स के माध्यम से एक हजार लीटर प्रति मिनट की क्षमता से ऑक्सीजन बनाने के लिए एक करोड़ की लागत वाले पीएसए (पावर स्विंग एडसोरप्शन) ऑक्सीजन प्लांट का कार्य चला हुआ है। इसके तहत उपकरण जोनल अस्पताल पहुंच गए हैं और स्थापित करने की कवायद शुरू हो गई है। इसका सिविल कार्य लगभग पूरा कर दिया गया है।

  • जोनल अस्पताल मंडी में एक हजार लीटर प्रति मिनट की क्षमता से बनेगी मेडिकल ऑक्सीजन
  • कोरोना की संभावित तीसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत ना होने को लेकर तैयारियां जारी
  • ऑक्सीजन प्लांट का सिविल कार्य समाप्त होने पर उपकरण किए जाएंगे स्थापित
  • अस्पताल के बिजली के ट्रांसफार्मर की क्षमता को 250 से 400 केवी तक गया बढ़ाया

ऑक्सीजन प्लांट डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान विकास संगठन) की ओर से भेजा गया है और सिविल कार्य एनएचएआई द्वारा किया जा रहा है। वहीं, अस्पताल प्रशासन द्वारा इस ऑक्सीजन प्लांट के लिए बिजली के ट्रांसफार्मर की क्षमता को भी 250 से 400 केवी तक कर दिया गया है। इसके साथ पावर बैकअप के लिए डीजी सेट भी लगवा दिया गया हैं। जानकारी देते हुए जोनल अस्पताल मंडी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. धर्म सिंह ने कहा कि अस्पताल में वर्ष 2016 से ही मेडिकल गैस पाइप लाइन सिस्टम कार्य कर रहा है।

इसके तहत मैनीफोल्ड के माध्यम से 112 बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि हाल ही में जिलाधीश मंडी के आदेशानुसार सर्जिकल ब्लॉक में ऑक्सीजन युक्त 72 और बेडों को बढ़ाया गया है। इससे जोनल अस्पताल मंडी में अब कुल 184 बेड सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम के साथ जुड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल के मैनीफोल्ड ऑक्सीजन प्लांट में भी जरूरी बदलाव कर दिए गए हैं।