मनीष ठाकुर। कुल्लू
करोना संकट के चलते जहां बड़े-बड़े उद्योग प्रभावित हुए। वहीं, छोटे स्तर पर भी श्रमिकों को इसका खासा नुकसान उठाना पड़ा है, हिमाचल प्रदेश से भी अब बाहरी राज्यों के श्रमिक अपने घरों का रुख करने लगे हैं। जिला कुल्लू से भी सैकड़ों श्रमिकों ने अपने-अपने राज्यों का रुख करना शुरू कर दिया है।
हालात यह है कि श्रमिकों के पास काम ना होने के चलते पैसे नहीं है और बसों का किराया जुटाने के लिए भी उन्हें या तो अपने घरों से पैसा मंगवाना पड़ रहा है या फिर यहां किराए के कमरों में रखे सामान को बेचना पड़ रहा है। बीते दिन भी उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला के रहने वाले 30 श्रमिकों ने अपने परिवारों संग कुल्लू से पलायन किया। सभी श्रमिकों का कहना है कि अगर कोरोना वायरस के खत्म होने के बाद हालात ठीक रहे, तो वह वापस यहां काम के लिए आएंगे वरना अपने गांव में ही कुछ छोटा मोटा काम कर लेंगे।
एवरेस्ट पब्लिकस्कूल में ऑनलाइन एडमिशन के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
उनका कहना है कि उन्हें सरकारी मदद तो मिली, लेकिन वह उनके लिए नाकाफी साबित हुई। अब घर जाने के लिए उन्हें या तो अपने परिजनों से पैसा मंगवाना पड़ा है या फिर कुछ मजदूरों ने अपने घरों में रखे टीवी बर्तन सहित कुछ सामान भी बेच दिए हैं, ताकि वे अपने घर जाने के लिए किराया के लिए पैसे जुटा सके।
मजदूरों का कहना है कि अब कुछ पैसे इकट्ठे करके वे अपने घरों की ओर जा रहे हैं, ताकि वे यहां भुखमरी से बच सकें। गौर रहे कि जिला प्रशासन के द्वारा भी बाहरी राज्यों की ओर जाने वाले मजदूरों को अपने घर जाने की अनुमति दी जा रही है, जिसके चलते जम्मू-कश्मीर बिहार और उत्तर प्रदेश के मजसुर अपने-अपने क्षेत्र का रुख कर रहे हैं।