मंत्री की गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली ने क्षेत्र को डाला बड़े संकट में

भूषण शर्मा। नूरपुर

कोविड 19 के संकटकाल में प्रशासन, डॉक्टर , स्वास्थ्य कर्मी , आशा वर्कर सहित अन्य कर्मचारियों ने तो नूरपुर क्षेत्र के लोगों को महामारी से बचाने के लिए दिन रात एक कर दिया लेकिन नूरपुर क्षेत्र विधायक एवं कबीना मंत्री राकेश पठानियां की गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली ने क्षेत्र को न केवल बहुत बड़े संकट में डाल दिया है बल्कि विभिन्न क्षेत्रों को सील किए जाने के चलते लोगों के रोजगार का भी बहुत नुकसान कर दिया है।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष अजय महाजन ने आरोप लगाया कि इस सारी स्थिति के लिए नूरपुर के विधायक वन एवम युवा सेवा खेल मंत्री राकेश पठानिया जिम्मेदार हैं। संकट के समय उन्हें जिम्मेदारी और सयम से काम लेना चाहिए था लेकिन मंत्री बनने पर नियमों को ताक पर रखकर निकाली गई रैली और भाजपा कार्यकर्ताओं की स्वागती भीड़ ने समूचे नूरपुर क्षेत्र को बहुत बड़े संकट में डालने का काम किया है। अजय महाजन ने हमला करते हुए जानना चाहा कि वन मंत्री पठानियां की गैरजिम्मेदाराना कार्यशैली और नियमों की अवहेलना के कारण ही आज नूरपुर क्षेत्र पर संक्रमण का खतरा बढ़ा है। महाजन ने जानना चाहा कि क्या सारे नियम और कानून सिर्फ जनता के लिए ही हैं या नियमों को बनाने वालों की भी कोई जिम्मेदारी बनती थी।

महाजन ने कहा कि वन मंत्री पठानिया द्वारा अपने स्वागत में निकाली गई रैली व जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते उन्होंने कई बार सरकार और उसके मंत्रियों को चेताने की पूरी कोशिश की लेकिन स्थिति को समझने की बजाय विपक्ष का मख़ौल उड़ाया गया। पठानियां द्वारा अपने स्वागत नूरपुर क्षेत्र की पंजाहड़ा पंचायत में 34 और चार अन्य जगहों पर कोरोना विस्फोट हुआ है। उसकी सारी जिम्मेदारी सत्तापक्ष की है लेकिन इसका खमियाजा अब क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ेगा। महाजन ने कहा कि लंबे समय तक लॉकडाउन के चलते वैसे ही लोगों की आर्थिक हालत बेहद खराब हो चुकी थी और नूरपुर क्षेत्र में रही सही कसर मंत्री ने नियमों की धज्जियां उड़ाकर पूरी कर दी हैं। महाजन ने कहा कि यदि नियमों की उलंघ्ना की सजा जनता के लिए तय है तो नूरपुर क्षेत्र को इस स्थिति में पहुंचाने वालों के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जानी चाहिए।