बारिश न होने से किसानों-बागवानों के माथे पर छाईं चिंता लकीरें

विनय महाजन। नूरपुर

उपमंडल नूरपुर में गत 3 महीनों से बारिश ना होने से किसानों व बागवानों के माथे पर चिंता की लकीरे छाने लगे हैं। बारिश ना होने से रवी की फसलों, नींबू प्रजाति के फलों पर इसके ऊपर असर पड़ना शुरू हो गया है! सामान्यतः नवम्बर माह में क्षेत्र के किसान अपने खेतों को जोत देते है। वहीं, उपमंडल के कुछ क्षेत्रों के किसानों द्वारा नवंबर माह के अंत में खेतों को इस उम्मीद से जोता था कि नवंबर के प्रथम या दूसरे सप्ताह तक बारिश आ जाएगी क्योंकि उपमंडल नूरपुर के अधिकतर इलाके बारिश पर निर्भर हैं। यहां के किसान अपनी फसल के लिए बारिश पर निर्भर है।

वहीं, उपमंडल में 9850 हेक्टेयर में रबी की फसल, मक्की की फसल 4670 हेक्टेयर में और जौ की फसल 5892 हेक्टर में  उगाई जाती है जिसमे अधिकतर फसल पूर्णतया बारिश पर निर्भर है। अगर कुछ दिनों में बारिश नहीं होती तो खेतों में जोती गयी गेहूं मुरझा जाएगी। वहीं 3 महीने से बारिश ना होने से नींबू प्रजाति के फलो संतरा किन्नू व गलगल पर भी  इसका असर पड़ा है। बर्षा के अभाव से ना ही इनका आकार व ना ही स्वाद अभी तक आया है !

हालांकि मार्केट में संतरा व किन्नू आ चुका है लेकिन स्वाद व आकार के चलते अभी तक ग्राहकों को लुभाने में असफल रहा है! उधर सब्जी मंडीयो में आने वाला सीजन का साग भी मार्केट में महगा मिल रहा हैं जिसका कारण सीजन की वारिस न होना है। दूसरी तरफ वारिस न होने से सूखी खासी जुकाम गले खराब होने जैसी वीमारीया फैल रही हैं। इस विषय में सुरेश पठानिया, रिट पंचायत का कहना है कि गेंहू की फसल नवम्बर माह में जोती थी, बारिश नहीं हुई जिस कारण फसल मुरझाने लगी जिससे ट्रेक्टर का खर्चा व खरीदे गये बीज का नुक्सान अलग से होने की सम्भावनाएं जाग रही हैं।

उधर, मुकेश शर्मा छतरोली पंचायत निवासी का कहना है कि बारिश ना होने से संतरे व किन्नू का साइज नहीं बन पाए। इस बार बागों में व्यापारी भी नही आ रहे है, अगर जल्द बारिश ना हुई तो संतरे की फसल भी तबाह हो जायेगी!

वहीं, अशोक कुमार बरंडा निवासी का कहना है कि किन्नू की फसल अच्छी हुई थी, आशा थी कि इस बार अच्छे दाम मिलेंगे लेकिन बारिश ना होने से  किन्नू का साइज नही बना,जिसके चलते औने पौने दामो पर ही किन्नू बेचने पड रहे है।हमारे क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा ना होने से कृषि व बागवानी का कार्य घाटे का सौदा ही हो रहा है,अगर सरकार ने किसानों के लिये सिंचाई की सुविधा मुहैया नही की तो नूरपुर के युवा कृषि कार्यों से विमुख हो जायेंगे।