प्रदेश में भारी बारिश से अब तक गई 361 लोगों की जान, 40 लापता

8300 करोड़ रूपए का हुआ नुक़सान, भूस्खलन से 3 एनएच समेत 800 से ज्यादा सड़के बंद:ओंकार शर्मा प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन।

उज्ज्वज हिमाचल। शिमला

हिमाचल प्रदेश में तीसरी बार फिर मानसून का रौद्र रूप देखने को मिला है। कुल्लू के आनी में 8 मकान गिर गए। जबकि 2 मकानों को अभी भी खतरा बना हुआ है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में पिछले दो दिन से भारी बारिश होने से प्रदेश को भारी क्षति हुई है। मानसून में अबतक 361 लोगों की मौत हो गई है जबकि 40 लोग अभी भी लापता हैं। प्रदेश को अब तक 8300 करोड़ रूपए का नुकसान हो चुका है लेकिन यह आंकड़ा आने वाले दिनों में और भी अधिक बढ़ेगा।
राज्य आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने बताया की कुल्लू के आनी में आज सुबह 8 मकान ध्वस्त हो गए। हादसे से पहले ही मकानों को खाली करवा लिया गया था। हिमाचल में 24 जून से अब तक 361 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 342 घायल हैं और 40 अभी लापता हैं। 2237 घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं। 9924 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। 300 दुकानें बह गई जबकि 4783 गौशालायें तबाह हो गई हैं।

यह भी पढ़ेंः शिमला शहर के सभी स्कूलों और विभिन्न स्थानों का निरीक्षण करेंगे भूवैज्ञानिक

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक भूस्खलन से तीन नेशनल हाइवे समेत सड़कें बंद हैं तो 2897 ट्रांसफार्मरों खराब होने से बिजली बंद रही। लोकनिर्माण विभाग के शिमला ज़ोन में सबसे ज्यादा 220 सड़कें बंद हैं। इसी तरह मंडी ज़ोन में 213, हमीरपुर ज़ोन में 180, कांगड़ा ज़ोन में 93 सड़कों पर आवागमन ठप है। इसके अलावा बड़ी संख्या में ट्रांसफार्मर भी खराब पड़े हैं। अकेले मंडी जिला में 1142 ट्रांसफार्मरों के ठप पड़ने से कई गांवों और शहरों में बिजली बंद है। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को बिलासपुर के काहू और मंडी के कोटला में सबसे ज्यादा 210-210 मिलीमीटर वर्षा हुई है। इसके अलावा बिलासपुर सदर, बरठी व पण्डोह में 180-180 मिमी, कण्डाघाट में 160, बंगाणा व कसौली में 150-150, बलद्वारा में 140, शिमला व नैना देवी में 130-130 मिमी वर्षा रिकार्ड हुई है। मौसम विभाग ने 25 अगस्त तक भारी बारिश की आशंका जताई है।

ब्यूरो रिपोर्ट शिमला

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें