पांच विमानों से अफगानिस्तान से भारत आए 400 लोग, सरजमीं पर पैर रखते ही हुए भावुक

उज्जवल हिमाचल डेस्क…

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा होने से वहां के हालात दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं। इसी के बीच सभी देश अपने नगरिकों के वहां से निकाल रहे हैं। भारत भी आफगानिस्तान में फंसे भारतीय नगरिकों की स्वदेश वापसी करवा रहा है। भारतीय वायुसेना के विमानों के साथ ही अमेरिका और नाटो सेना के विमानों की भी इस कार्य में मदद ली जा रही है। इन सामूहिक प्रयासों से रविवार को चार सौ लोगों को सुरक्षित स्वदेश लाया गया, इनमें 23 अफगानी सिख और हिंदू एवं दो नेपाली नागरिक भी शामिल हैं।

इन चार सौ लोगों में से 232 लोग ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे, कतर की राजधानी दोहा और शारजाह से चार अलग.अलग उड़ानों से लाए गए। इन सभी लोगों को भारतीय वायुसेना और अमेरिकी एवं नाटो सेना के विमानों से काबुल से पहले ही निकाल लिया गया था। जबकि 168 यात्री काबुल से भारतीय वायुसेना के मालवाहक विमान सी-17 ग्लोबमास्टर से हिंडन एयरबेस में उतरे।

 

रविवार को सबसे पहले कतर की राजधानी दोहा से विमान (उड़ान संख्या 6ई-1702) 14 भारतीय नागरिकों को लेकर पहुंचा। इस विमान के उतरने के करीब 25 मिनट बाद कतर से ही एक और विमान ( उड़ान संख्या यूके- 284) से 120 भारतीय पहुंचे। इस विमान से यात्री उतर ही रहे थे कि ठीक पांच मिनट बाद दुशांबे से एयर इंडिया का विमान आइजीआइ के रनवे पर लैंड किया। सुबह पांच बजकर 10 मिनट पर उतरे एयर इंडिया के इस विमान से 94 यात्री आए, जिनमें पांच राजनयिक और नेपाल के दो नागरिक भी शामिल थे। इस विमान के उतरने के करीब आधे घंटे के बाद ही एक और विमान ने आइजीआइ के रनवे पर लैंडिंग की। शारजाह से आए इस विमान में चार भारतीय नागरिक सवार थे।

 

एयरपोर्ट पर ही सभी लोगों की कोरोना जांच की गई। आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट आने के बाद ही लोगों को बाहर जाने दिया गया। इसके लिए यहां पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों की पहले से ही ड्यूटी लगाई गई थी। जानकारी के मुताबिक, इन सभी लोगों को पोलियो की भी खुराक दी गई, क्योंकि अफगानिस्तान में अभी भी पोलियो गंभीर बीमारी है। हवाई-अड्डे से यात्रियों के बाहर निकलने का सिलसिला दोपहर तीन बजे तक चलता रहा।