उत्तराखण्ड: आज हम अपने दर्शकों को चार धामों में सबसे चर्चित धाम श्री बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर लेकर चलते है। बताते चले कि आदिकाल से बना श्री बद्रीनारायण भगवान का यह मंदिर भारतीय राज्य उत्तराखण्ड के चमोली जनपद में अलकनन्दा नदी के तट पर स्थित एक हिन्दू मन्दिर है। बद्रीनाथ को पुराणों में दूसरा बैकुण्ठ धाम भी कहा जाता है। जहाँ स्वय भगवान विष्णु विराजते हैं। माना जाता है भगवान श्री हरि विष्णु के इस धाम की यात्रा करने और उनके दर्शन करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस तीर्थ धाम की यात्रा करने हर वर्ष देश विदेश के लाखों श्रद्धालु यहां दर्शनों को आते है। श्री बद्रीनाथ धाम में स्वंय भगवान विष्णु विराजते है।
श्री बद्रीनाथ धाम के बारे कई धार्मिक कथाएं प्रचलित है। इन्ही में एक कथा के अनुसार भगवान श्री हरि विष्णु ने इसी स्थल में बैठकर सदियों तक घोर तपस्या की थी। तपस्या के दौरान भगवान श्री हरि विष्णु पर बर्फ जमने लगी तो माता लक्ष्मी ने अपने प्रभु को इस बर्फ से बचाने बद्री रूपी पेड़ की छाया कर दी थी, तभी इस देव स्थल का नाम बद्रीनाथ धाम पड़ा था।
अक्सर देखा जाता देश विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के केदारनाथ धाम की यात्रा को करने के उपरांत श्री हरि विष्णु बद्रीनाथ धाम की इस पवित्र यात्रा को चल देते है। माना जाता है की भगवान केदारनाथ धाम की यात्रा को संपूर्ण तब ही संपूर्ण नहीं माना जाता है जब तक श्री हरि विष्णु के बद्रीनाथ धाम की यात्रा को संपूर्ण नही कर लेता है।
बताते चले कि चारधाम की यात्रा के पहले पड़ाव केदारनाथ की पर्म यात्रा को करने के बाद बद्रीधाम में पहुंचे बहुत सारे श्रद्धालुओं से बात की तो उन्होंने अपने विचारों को हमसे साथ सांझा किया और कहा कि उनकी यह यात्रा काफी सुखद रही है। और उनको बड़ी ही खुशी का अनुभव हो रहा है। इन श्रद्धालुओं का कहना है कि उन्होंने कभी सपने में भी नही सोचा था कि वह लोग इस धाम की यात्रा को कर भी पाएंगे या नहीं। इस यात्रा को कर रहे सभी श्रद्धालु आने वाले सभी भगत जनों की कुशल मंगल की कामना कर रहे है।
साफ तोर से देखा जा सकता था कि श्री हरि विष्णु के धाम पर पहुंचने पर हर कोई श्रद्धालु बेहद खुश था। रात से ही लंबी कतारों में खड़े हजारों श्रद्धालु जैसे ही भगवान श्री हरि के चरणों के मुख्यद्वार पहुंचे श्री हरि के जयकारों से आसमान गूंज उठा एक के बाद एक श्रद्धालु अपने को श्री हरि के चरणों समर्पित करना चाहता था। इन सभी श्रद्धालु लोगों ने अपने इस यात्रा के सुखम पल हमसे सांझा किय। देखिए यह श्रद्धालु क्या कह रहे है।
संवाददाताः शैलेश शर्मा।