उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा
आज कृषि विज्ञान केंद्र काँगड़ा में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने की। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र काँगड़ा के वैज्ञानिकों के अतिरिक्त विभिन्न सहयोगी विभागों के सदस्यों व वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य, प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन पर बल देते हुए केंद्र के वैज्ञानिकों को इस दिशा में उचित कदम उठाने के दिशा निर्देश दिए। उन्होंने 2023
जो कि अंतर्राष्ट्रीय पौष्टिक अनाज वर्ष घोषित किया गया है।
उसे जिले के किसानों को इनकी महत्ता, इनकी वैज्ञानिक विधि से खेती, मूल्यवर्धन पर प्रशिक्षण शिविरों व प्रदर्शनियों के माध्यम से अधिक से अधिक जागरूक करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने हेतु एकीकृत कृषि- मशरूम उत्पादन, मधुमखी पालन, बकरी पालन, खाद्य प्रसंस्करण आदि उद्यम स्थापित करने की ज़रूरत है।
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वैज्ञानिकों द्वारा सुझाये तरीकों को अपनाकर अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ करने का सुझाव दिया। केंद्र के प्रभारी डॉ. संजय शर्मा ने कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा किये गए कार्यक्रमों व् गतिविधियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। आने वाले एक वर्ष में किये जाने वाली कार्ययोजना पर चर्चा की।
जिसमें उन्होंने बताया कि अप्रैल, 2022 से फरवरी 2023 तक केंद्र द्वारा 16 परिसर पर, 17 परिसर से बाहर एवं 8 अन्य विभागों के सहयोग से प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। जिसमें क्रमशः 1044, 828 एवं 327 किसानों को प्रशिक्षित किया।
इस मौके पर विभिन्न सहयोगी विभागों के आमंत्रित सदस्यों ने अपने सुझाव रखे तथा जिले के अग्रणी किसान सुरेश चौधरी, शिखा, सुमनलता आदि ने भी अपने विचार प्रकट किये। बैठक में आमंत्रित सदस्यों ने कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की व कृषकों के उत्थान हेतु केंद्र से सहभागिता में अपना योगदान प्रदान करने का आश्वासन दिया।