उज्जवल हिमाचल। चंबा
चंबा क्षेत्र देवी-देवताओं की भूमि है और इस पहाड़ी इलाकों में एक तरफ भगवान भोलेनाथ (Bholenath) का निवास स्थान है तो वहीं दूसरी तरफ इन्ही पहाड़ी क्षेत्रों में जगह-जगह अन्य देवी देवताओं के अपने निवास स्थान विराजमान है। देखा जाए तो यह देवी देवता भी वर्ष में एक बार अपने कटुंब के छोटे बड़े भाई बहनों से मिलने जरूर जाते है।
ऐसी ही परंपरा से जुड़ा एक सत्य यह भी है कि चंबा जिले की चुराह विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले बैरागढ नामक स्थान में बैरेवाली भगवती का निवास स्थान विराजमान है, एक मान्यता के अनुसार माता बैरेवाली भगवती हर वर्ष बैसाख की पहली प्रविष्ठे को अपनी निवास बैरागढ से अपने भक्तों के साथ कई दिनों का पैदल सफर करके चंबा में स्थित अपनी बड़ी बहन से मिलने को आती है।
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आज बैसाखी की पहली प्रविष्ठे है और माता बैरेवाली भगवती अपने निवास स्थान बैरागढ से अपने भक्तों के साथ चल पड़ी है। इस मौके पर उनके अनुयाई अपनी प्राचीन भेशभूशा और माता के सजो साज ढोल नगाड़ों के साथ उनको बजाते हुए चल पड़ते है।
बताते चले कि चंबा पहुंचने के बाद यह दोनों देवियां माता बैरेवाली और माता चामुंडा भगवती पूरे 15 दिनों तक एक ही मंदिर में एक साथ रहती है तथा इन दोनों देवियों का आशीर्वाद लेने समूचे चंबा के लोग मंदिर जाते है और उनका आशीर्वाद प्राप्त भी करते है।