एक ऐसा मंदिर जहां श्री हरि विष्णु खुद हैं विराजते

A temple where Shri Hari Vishnu himself resides
एक ऐसा मंदिर जहां श्री हरि विष्णु खुद हैं विराजते

उज्जवल हिमाचल। चंबा
आंध्र प्रदेश के चितूर जिले में स्थित भगवान तिरुपति बाला जी का मंदिर है, जिसको कि वेंकटेश्वर स्वामी के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर तिरुमला पहाड़ी पर स्थित है और यह विश्व प्रसिद्ध मंदिर सुंदर तल से 3200 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। बताते चले कि समूचे भारत वर्ष में ही यह एक ऐसा इकलौता मंदिर है।

जहां प्रति वर्ष लाखां की संख्या में श्रद्धालु श्री हरि यानी भगवान तिरुपति बाला जी वेंकटेश्वर स्वामी जी के दर्शनों को जाते है। बताते चले कि विष्णु भगवान को समर्पित यह मंदिर सदियों प्राचीन है और आदिकाल से बने इस मंदिर में श्री बाला जी खुद विराजते है। इस मंदिर में यह बात भी जानने योग्य है कि सदियों पूर्व से बना यह मंदिर इसलिए भी आकर्षित हो जाता है क्योंकि इस मंदिर के बाहरी प्रांगण की बात हो या फिर गर्भ गृह की तो सोने चांदी जैसी धातू से उकेरी गई कला कृतियां देखने के बाद सब का मन मोह लेती है और लगता है कि धरती का स्वर्ग यहीं पर है।

आपको बता दे कि भगवान तिरुपति बाला जी वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शनों से पूर्व इनके बड़े भाई गोविंदा से उनके दर्शन करने की आज्ञा लेनी पड़ती है और उसके उपरांत ही वेंकटेश्वर स्वामी जी के दर्शन किए जाते है। हालांकि यह मंदिर भी विश्व प्रसिद्ध है और यही कारण है कि इन मंदिरों की सुरक्षा चौक चोविंद की जाति करती है और मंदिर में प्रवेश से पूर्व किसी भी भगत को तभी भीतर जाने की इजाजत दी जाती है तथा जब वह अपने साथ लाई गई किसी भी प्रकार की सामग्री यहां तक कि अपने मोबाईल को भी उनके बनाए गए काउंटर में जमा नहीं करवा देते है और तभी आप आगे जा सकते है।

हमारी मीडिया की टीम ने उन सभी बनाए गए पहलुओं का सम्मान करते हुए जीरो ग्राउंड रिपोर्टिंग भी की और हजारों किलोमीटर दूर से आए हुए श्रद्धालुओं से भगवान तिरुपति बाला जी के बारे उनकी श्रद्धा कैसी है, संपूर्ण जानकारी भी हासिल की।

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देवी देवताओं की मूर्तियो से सुवर्जित मंदिर के यह मुख्य द्वार भगवान गोविंदा, मां लक्ष्मी, माता भामा और पद्मावती, जिसमें भगवान राधाकृष्ण और अन्य सखियों के साथ बड़ी खूबसूरती के साथ रास लीला करते हुए दर्शाए गए है। इन सभी मंदिरों की बनावट बस देखते ही बनती थी।

दूसरे दिन की सुबह यह सभी श्रद्धालु भगवान तिरुपति बाला जी, वेंकटेंश्वर स्वामी जी के दर्शनों को चल पड़ी। मुख्य द्वार पर सभी गाड़ियों में बैठे श्रद्धालुओं को गाड़ी से उतारा गया और उनके समान की चेकिंग की गई।

तत्पश्चात् ही सभी को आगे जाने की इजाजत दी गई। सबसे पहले इन श्रद्धालुओं ने अपने बालों को कटवाया और स्नान करने के उपरांत इन सभी आए हुए श्रद्धालुओं ने अपने विचार हमारी मीडिया की टीम के साथ सांझा किए।

हमारी मीडिया की टीम ने करीब चार घंटां तक एक कतार में खड़े होकर धीरे-धीरे चलते हुए भगवान तिरुपति बाला जी के दर्शन तो कर लिए, पर निराशा इसलिए भी लगी कि हमारे कैमरों को अंदर नहीं ले जाने दिया गया। फिर भी हमने बाहर आने पर उन श्रद्धालुओं से इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर के बारे जानकारी ली, तो इन श्रद्धालुओं ने बताया कि हमें तिरुपति बाला जी के दर्शन करने को लेकर 18 घंटो का समय लग गया है।

इन लोगों ने अपने भगवान तिरुपति बाला जी में अपनी आस्था का जिक्र किया, तो वहीं उन्होंने इस पवित्र स्थल की दुर्दशा के बारे में भी बताया। उनका कहना था कि इस सर्दी के मौसम में श्री बाला जी संस्था की और से कोई व्यापक प्रबंध नहीं किए गए थे और न ही यहां पर नहाने धोने के साथ ठीक से सोच का प्रबंध था।

आए हुए इन श्रद्धालुओं ने इस संस्था के लोगों अपील करते हुए कहा कि खासकर इस पवित्र स्थल में साफ सफाई के साथ खाने पीने का ठीक से प्रबंध किया जाना चाहिए ताकि और भी ज्यादा संख्या में लोग यहां आकर अपने आराध्य भगवान तिरुपति बाला जी के दर्शनों को कर सके।

संवाददाताःशैलेश शर्मा

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