2022 में हिमाचल में अपना परचम लहराएगी “आप” : एनएस पठानिया

विनय महाजन। नूरपुर

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जनकल्याणकारी नीतियों ने न केवल दिल्ली में शानदार शासन देकर लोगों का दिल जीता है, बल्कि पंजाब व अन्य राज्यों में भी पार्टी मजबूती से आगे बढ़ रही है। 2022 में हिमाचल में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी आप पार्टी का परचम लहराएगी। यह बात आप पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सेवानिवृत कर्नल एनएस पठानिया ने कही। उन्होंने कहा कि हाल ही में चंडीगढ़ में हुए निकाय चुनावों में पार्टी की शानदार सफलता का हिमाचल की हिमाचल की राजनीति पर भी बहुत बड़ा असर पड़ेगा। क्योंकि अधिकतर हिमाचल वासी चंडीगढ में रहते हैं और चंडीगढ़ में आप पार्टी की जीत प्रदेश के लिए शुभ संकेत हैं। पठानिया ने कहा कि प्रदेश की जनता कांग्रेस और भाजपा के शासन को आजमा चुकी है।

मौजूदा जयराम सरकार कर्ज की बैसाखियों पर चल रही है। डब्बल ईंजन की सरकार होते हुए भी प्रदेश को कर्ज तले डुबोया जा रहा है। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल हैं, तो शिक्षा का स्तर बेहद लचर हो चुका है। महंगाई, बेरोजगारी और बढ़ते करों की मार से आम जनता बेहद परेशान हो चुकी है, तो दूसरी ओर प्रदेश के विकास की रफ्तार भी कछुआ चाल के समान है। पठानिया ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जब डीजल-पेट्रोल के दाम कम किए हैं, तो बढ़ाया गया बसों का किराया भी कम करना चाहिए था, ताकि आम जनता को राहत मिलती, लेकिन बढ़े हुए किराए से जनता को लुटने पर छोड़ दिया गया है।

यह भी देखें : भाजपा पार्षदों ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की निकाली शव यात्रा…

कर्नल ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार फोरलेन प्रभावितों की जमीनों के बदले कोड़ियों के भाव मुआवजा दे रही है, जिससे वे लोग दूसरी जगह स्थापित ही नहीं हो पाएंगे। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र और प्रधानमंत्री ने मन की बात में जब फैक्टर दो के हिसाब से चार गुणा मुआवजा देने की घोषणा की है, तो अब इससे सरकार मुकर क्यों रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का प्रदेश में सदस्यता अभियान जोर शोर से चल रहा है। जनता दो पार्टियों की चक्की में पिसते हुए तीसरे विकल्प की तलाश में है और 2020 में आप पार्टी प्रदेश में लोगों का मजबूत विकल्प बनकर उभरेगी। कांग्रेस व भाजपा में दरकिनार हुए अनेक वरिष्ठ कार्यक्रता दुःखी होकर अपने क्षेत्रों में तीसरे विकल्प की तलाश करने में जुटे हैं।