ABVP मंडी द्वारा उपायुक्त कार्यालय के प्रांगण में किया धरना प्रदर्शन

ABVP मंडी द्वारा उपायुक्त कार्यालय के प्रांगण में किया धरना प्रदर्शन

उज्जवल हिमाचल। मंडी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) जिला मंडी द्वारा उपायुक्त कार्यालय के प्रांगण में एक धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा यूजी प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणामों में की गई देरी तथा गड़बड़ियों का विरोध करना रहा। इस दौरान सरदार पटेल विश्वविद्यालय यूजी इकाई के जिला संयोजक निशांत गुलेरिया ने बताया कि पिछले वर्ष यूजी के विभिन्न विषयों के परीक्षा परिणाम घोषित किये गए थे।

इन परीक्षा परिणामों में प्रदेशभर के विभिन्न महाविद्यालयों में पढ़ने वाले 85 प्रतिशत विद्यार्थियों को फेल कर दिया गया था। जहां एक ओर विद्यार्थियों ने बेहतर नतीजों की आस लगाई थी। वहीं, ऐसे नतीजे निश्चित तौर पर विद्यार्थियों के मनोबल को तोड़ने का कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस लापरवाही के कारण प्रदेश भर के हज़ारों युवाओं का साल बर्बाद हो गया है तथा भविष्य भी असुरक्षित भाव में लटका हुआ है। निशांत गुलेरिया ने बताया कि जहां एक ओर विद्यार्थियों ने 12वी कक्षाओं में 90 से 95 प्रतिशत अंक हासिल किए थे।

वहीं महाविद्यालय में आकर प्रदेश भर के सभी विद्यार्थी आखिर कैसे फेल हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भी विद्यार्थी परिषद् ने एक बड़ा आंदोलन इन परीक्षा परिणामों के विरोध में लड़ा था। जिसके परिणाम स्वरूप हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने छात्रों को यह अस्वासन दिया था कि वे इन परिणामों के प्रति पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया पर भरोसा करें।

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साथ ही साथ विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक माह के भीतर इन परिणामों को घोषित करने का आश्वासन भी दिया था। उन्होंने कहा की हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का प्रशासन उस कपटी शत्रु की भांति है। जो पहले अपनी मीठी बातें करके मित्रता का भरोसा देता है और फिर मौका पड़ने पर पीठ में खंजर घोंप देता है और इस बार भी प्रशासन ने यही किया।

पांच महीने से ऊपर हो चुका है परंतु अभी तक पुनर्मूल्यांकन के नतीजों का दूर-दूर तक कोई पता नहीं है। जहां एक ओर विद्यार्थी इन नतीजों से आस लगाए बैठे थे कि जब ये परिणाम घोषित होंगे। तो वे अगली कक्षा की परीक्षाओं में बैठ पाएंगे, लेकिन हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने वर्षों पुराने चरित्र के अनुरूप कार्य करते हुए इन विद्यार्थियों के भविष्य को ताक पर रख दिया है।

इस दौरान उन्होंने कहा कि फाइनल परीक्षाओं को तब तक के लिए स्थगित किया जाए जब तक पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती ताकि प्रदेश भर के हज़ारों युवा परीक्षाओं से वंचित न रह जाएं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी करतूतों से बाज नहीं आता है और इस पर कोई संज्ञान नहीं लेता है, तो विद्यार्थी परिषद् पूरे प्रदेश भर में उग्र से उग्र आंदोलन करेगी। जिसके लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का प्रशासन ही जिम्मेदार होगा।

संवाददाताः उमेश भारद्वाज

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