एडीबी ने प्रोजेक्ट के लिए सौ करोड़ के पीआरएफ की दी मंजूरी : डॉ राकेश शर्मा

एसके शर्मा। हमीरपुर

हिमाचल प्रदेश किसान मोर्चा अध्य्क्ष डॉ राकेश शर्मा बवली ने जारी प्रैस बयान में कहा कि बड़सर विधानसभा क्षेत्र की बणी पंचायत के सेरी गांव के लिए एचपी शिवा पायलट प्रोजेक्ट स्वीकृत करने के लिए हिमाचल प्रदेश के यशश्वी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, जलशक्ति मंत्री एवं बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर व पंचायती राज, पशुपालन एवं कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर का धन्यवाद किया। डॉ राकेश बवली ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार जब से सरकार बनी है।

उसी से समय से किसानों के हित में कई बड़े फैंसले लिए है। मुख्यमंत्री खुद किसान परिवार से निकले हुए हैं और किसानों की परेशानियों को अच्छी तरह समझते हैं। डॉ राकेश बवली ने कहा आने वाले बड़सर विधानसभा क्षेत्र की और पंचायतों को जोड़ा जाएगा। क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी मजबूत करने के लिए बड़सर विधानसभा की अन्य पंचायतों प्रोजेक्ट भी स्वीकृत करवाने की पूरी कोशिश की जाएगी। एचपी शिवा परियोजना के अन्तर्गत चिन्हित क्षेत्रों में करीब 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

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दो साल चलने वाले इस पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से करीब 500 परिवारों को बागवानी गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। परियोजना के अंतर्गत लगभग 2.50 लाख फलदार पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनमें संतरा, लीची, अमरूद, अनार इत्यादि फलदार पौधे शामिल हैं। लॉकडाउन के दौरान बागवानी विभाग ने फल पौधरोपण स्थलों को तैयार कर लिया है। जुलाई व अगस्त माह में इन विभिन्न प्रजातियों के फलदार पौधों को प्रस्तावित स्थलों पर रोपित किया जाएगा।

इस पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत उन क्षेत्रों को विकसित करने को प्राथमिकता दी गई है, जहां अभी तक फल उत्पादन नहीं होता। इसके अतिरिक्त ऐसे स्थानों को भी परियोजना में शामिल किया गया है, जहां जंगली जानवरों से प्रभावित किसानों ने खेती बाड़ी करना छोड़ दिया है। ताकि इन क्षेत्रों के लोगों को बागवानी से जोड़कर आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जा सके।

प्रथम चरण में 25 हजार परिवारों को किया जाएगा शामिल
डॉ राकेश शर्मा बवली ने कहा कि एशियन विकास बैंक द्वारा वित्त पोषित एचपी शिवा परियोजना के पायलट प्रोजेक्ट के सफल कार्यन्वयन के बाद परियोजना का मुख्य प्रोजेक्ट वर्ष 2021-22 में आरम्भ किया जाएगा। जिस पर लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाने प्रस्तावित हैं। परियोजना के प्रथम चरण में प्रदेश के लगभग 25 हजार परिवारों को बागवानी गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। जिसमें बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी व कांगड़ा जिला के दस ब्लॉक में 17 कलस्टर में कार्य चल रहा है। इसमें झाडिय़ों को काटने के साथ पौधारोपण का कार्य होगा।

इन चार जिलों में पायलेट आधार पर 170 हेक्टेयर में उच्च घनत्व वाले पौधों को लगाया जाएगा। जैसे जैसे काम होता जाएगा एडीबी से पैसा आता रहेगा। इसके अलावा प्रदेश में एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत एक हजार करोड़ रुपये से कांगड़ा, बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी, सोलन, सिरमौर और ऊना जिला के दस हजार हेक्टेयर में उच्च घनत्व वाले पौधे लगेंगे। उच्च घनत्व वाले पौधे यानी जिन्हें अधिक संख्या में लगाया जा सकता है और उत्पादन भी अधिक होता है।

इससे 2500 परिवार लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि एडीबी ने प्रोजेक्ट के सौ करोड़ के पीआरएफ को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही मुख्य प्रोजेक्ट का एक हजार करोड़ का भी कार्य शुरू हो जाएगा। इसमें इजरायल, ब्राजील व स्पेन से अत्याधुनिक किस्म के पौधे लगाए जाएंगे। नागरपुरी संतरा, लखनउ से अमरुद और अन्य पौधे लगाए जाएंगे। इस कार्य में सिचाई सुविधा को बेहतर किया जाएगा। वैज्ञानिक आधार पर बागीचे का संरक्षण और देखरेख होगी।

प्रदेश को फल राज्य के रूप में विकसित करना है मुख्य उद्देश्य
डॉ राकेश बवली ने बताया कि एचपी शिवा परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश को फल राज्य के
रूप में विकसित करना है, ताकि प्रदेश के साथ साथ लोगों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सके। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रदेश के लगभग 25 प्रतिशत क्षेत्र में ही बागवानी की जाती है। उन्होंने कहा कि परियोजना में ऐसे क्षेत्रों को भी शामिल किया गया हैए जहां पर लोगों ने खेती करना छोड़ दिया है।