प्रशासन नहीं रोक पाया डल झील में पानी का रिसाव, तड़प-तड़प कर मरने लगी मछलियां

उज्जवल हिमाचल। धर्मशाला

मैक्लोडगंज नड्डी की डल झील में पिछले करीब दो सप्ताह से पानी का रिसाव हो रहा है। जिससे डल झील लगभग पूरी तरह से सूख गई है। सोमवार सुबह झील की स्थिति यह हो गई है कि झील का लगभग सारा पानी रिस गया है। जिसकी भेंट यहां की मछलियां चढ़ रही हैं। झील में पल रही बड़ी लगभग सभी मछलियां मर चुकी हैं। अब छोटी छोटी मछलियां बची हैं, वो भी बहुत कम पानी में तड़प रही हैं। झील का ऐसा आलम एक बार पहले भी हुआ था। 2014 में जब झील सूखी थी तो यहां की मछलियां मर गई थीं। अपको बता दें कि वर्ष 2014 से झील से पानी का रिसाव शुरू हुआ था, लेकिन प्रशासन आज दिन तक इसे रोकने में विफल रहा है। झील के सुंदरीकरण के नाम पर सरकारें और प्रशासन अब तक लाखों रुपये खर्च कर चुके हैं। लेकिन परिणाम आज दिन तक शून्य ही है।

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मौजूदा स्थिति यह हो गई है कि झील के किनारों की गाद में सूखकर दरारें आ गईं हैं। डल झील मणिमहेश के बाद दूसरी ऐसी पवित्र झील है, जहां हर वर्ष राधाष्टमी के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं। इसलिए इसे छोटा मणिमहेश के नाम से भी जाना जाता है। वर्ष 2007-08 में इसके सुंदरीकरण को लेकर उस समय हाथ आगे बढ़े थे, जब इसके लिए बजट का भी कोई प्रावधान नहीं था। उसके बाद बजट का भी प्रावधान होना शुरू हुआ। सबसे पहले लोक निर्माण विभाग को डल झील में पानी की लीकेज रोकने का काम सौंपा गया थाए लेकिन विभाग इस कार्य में सफल नहीं हुआ। बाद में सुंदरीकरण का काम भी शुरू किया और डल झील से कुछ गाद भी निकाली। लेकिन सारी गाद नहीं निकाली गई। आठ वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी डल का वैभव तो नहीं लौट पाया हैए लेकिन उसकी लीकेज को भी बंद नहीं किया जा सका है।

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