उमेश भारद्वाज। मंडी
16 पंचायतों के गढ़पति देव मांहूनाग शडोट करसोग इस बार 80 वर्षों के बाद राज्य स्तरीय सुकेत देवता मेला में शिरकत करने जा रहे हैं। सुकेत सर्व देवता कमेटी देवता ने राज्य स्तरीय सुकेत देवता मेला में शामिल करने में सफल रही है तथा देवता इस वर्ष से सुकेत देवता मेला में शामिल होने के लिए शनिवार को अपनी कोठी से निकल गए हैं। बता दें कि देवता मूल मांहूनाग, बखारी कोठी करसोग के भाई माने जाते हैं तथा देवता के मुख्य गण में धुनिया महाराज, रकक्षेठा महाराज, जोगणू तथा जुडंला महाराज हैं।
धुनिया महाराज को देवी महामाया ने देवता को दिया है। देवता के यह गण भोजन के रूप में आग का भोजन ग्रहण करते हैं तथा जलती आग पर आसन लगाते है। वहीं देवता के रकक्षेठा महाराज पत्थर तथा गौमुत्र का भोजन ग्रहण करते हैं। देवता के पास कोर्ट-कचहरी के मामले, लोगों के दुखों, निसंतान दंपती को संतान सुख प्रदान करते हैं। देवता के पास प्रतिदिन अखंड धुना जलता है जिसे किसी भी व्यक्ति को स्पर्श करने की इजाजत नहीं है। देवता का रात्री ठहराव पांगणा, जाछ, रोहांडा तथा जयदेवी में रहेगा तथा देवता शडोट 5 अप्रैल को सुंदरनगर शहर में प्रवेश करेगें और 6 अप्रैल को राज्यस्तरीय सुकेत देवता मेला में शिरकत करेंगे।