पोषण माह का उदेश्य कुपोषण मुक्त भारत का निमार्ण : डाॅ. डेजी ठाकुर

विकसित देश के लिए महिलाओं व बच्चों का स्वस्थ होना आवश्यक

सुरिंद्र जम्वाल। बिलासपुर

हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग द्वारा पोषण माह के उपलक्ष्य पर ग्राम पंचायत बकरोहा के भगेड़ में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ. डेजी ठाकुर ने की। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान उलेखनीय है और आईसीडीएस के हर कार्यक्रम का महत्वपुर्ण रोल होता है और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरकार की हर योजनाओं को घर-घर पहुंचाने में अहम भुमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि अपना व बच्चों के आहार का ध्यान रखने के लिए प्रधानमत्रीं द्वारा मातृवंदना योजना आरंभ की गई है, जिसके अंतर्गत अभी तक आठ करोड़ की राशि व्यय कर दो करोड़ दस लाख महिलाए लाभांवित हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लोगों के शिक्षा व स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है। विकसित देश के लिए बच्चों का विशेष कर महिलाओं का स्वस्थ होना आवश्यक है। पोषण माह की श्रृंखला में यह चाैथा अभियान है, जिसे आठ मार्च, 2018 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा आरंभ किया गया था। कार्यक्रम का मुख्य उदेश्य भारत को कुपोषण मुक्त बनाना तथा जन-जन तक यह संदेश पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान सामुदायिक भागीदारी पर विशेष फोकस के तहत हर नागरिक को पौष्टिक आहार के महत्व के बारे में जानकारी दी जा रही है।

उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत आहार में विविधता और पौष्टिकता को बढ़ाने के लिए बाजारा, दालें, बारहमासी और मौसमी स्थानीय सब्जियों व फलों आदि के उपयोग करने के बारे में नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने इस अभियान में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए भोजन को सही तरीके से पकाने व खाने के बारे में जानकारी दी जा रही है तथा महामारी के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए इन गतिविधियों को चलाया जा रहा है। दूसरे सप्ताह में गर्भवती महिलाओं, बच्चों और किशोरियों जैसे विभिन्न समूहों के लिए आयुष और योग कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इस अभियान तीसरे सप्ताह में आइईसी सामग्री के साथ आंगनबाड़ी लाभार्थियों को पोषण किट वितरित की जाएंगी। इसी प्रकार चाैथे सप्ताह में एसएएम की पहचान और उनके लिए पोष्टिक भोजन के वितरण के लिए अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि चाैथे सप्ताह के दौरान एसएम बच्चों की पहचान करने से पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा और एएनएम द्वारा पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों की लंबाई, ऊंचाई और वजन मापन का अभियान के दौरान घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी अश्वनी शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत करने के साथ-साथ पोषण के महत्व के बारे में उपस्थित लोगों को जानकारी दी।

आयुर्वेदिक केंद्र औहर की डाॅक्टर शिवानी ने महिलाओं से स्थानीय फलों व सब्जिओं का अधिक से अधिक प्रयोग करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सब्जी का धोने के बाद ही काटे, ताकि उसके पोषक तत्व नष्ट न हो। इस अवसर पर प्रधान ग्राम पंचायत बकरोहा कमलेश कुमारी, सीडीपीओ झंडूता नरेंद्र कुमार, सीडीपीओ घुमारवीं रंजना शर्मा, पर्यवेक्षक शक्ति सिंह, सरोज कुमार, अंजना देवी, आगंनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत सदस्य तथा महिला मंडल सदस्यों सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।