कार्ड धारकों के कार्यों को प्राथमिकता दें सभी विभागः डीसी

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। ऊना

गिरते शिशु लिंगानुपात में सुधार लाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2015 से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत देश भर के ऐसे 161 जिलों को शामिल किया गया था, जहां शिशु लिंगानुपात चिंताजनक था और ऊना जिला भी इनमें से एक जिला था। यह जानकारी देते हुए उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने बताया कि जिला ऊना में शिशु लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कई कारगर कदम उठाए गए हैं, जिनमें से डीसी कार्ड योजना भी अपने आप में एक अनूठी पहल है।

उन्होंने बताया कि यह योजना ऊना उत्कर्ष स्कीम के तहत वर्ष 2018 में शुरू की गई, जिसके अतंर्गत केवल बेटियों वाले परिवारों को प्रशासन द्वारा डीसी कार्ड जारी किए जाते हैं। डीसी कार्ड जारी करने का उद्देश्य है कि बेटियों के अभिभावक जब भी किसी सरकारी कार्यालय में अपने कार्य के लिए जाएं, तो उनके कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाए।

डीसी ऊना संदीप कुमार ने बताया कि उनके ध्यान में आया है कि डीसी कार्ड धारकों को सरकारी कार्यालयों में उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने सभी सरकारी कार्यालयों का आह्वान किया है कि जब भी कोई व्यक्ति डीसी कार्ड धारक उनके कार्यालय में किसी कार्य अथवा समस्या के समाधान के लिए आए, तो प्राथमिकता के आधार पर उनकी समस्या को सुलझाया जाए। उन्होंने कहा यह हमारा नैतिक कर्तव्य है कि हम ऐसे अभिभावकों का सम्मान करें, जिनकी केवल बेटियां ही हैं।