दुष्कर्म के मामले में आतंकवाद निरोधी अदालत ने दो काे सुनाई माैत का सजा

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

पाकिस्तान में फ्रांसीसी महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आतंकवाद निरोधी अदालत ने दो दोषियों को मौत की सजा सुनाई है। घटना सितंबर 2020 में लाहौर-सियालकोट मार्ग पर घटी थी। घटना के बाद पूरे देश में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ था। लोगों ने दोषियों को खुलेआम फांसी पर लटकाए जाने की मांग की थी। वारदात में पाकिस्तानी मूल की फ्रांसीसी महिला के साथ उसके तीन बच्चों के सामने आबिद मलही और शफाकत बग्गा ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। महिला की कार पेट्रोल खत्म हो जाने के कारण राजमार्ग के किनारे खड़ी थी।

उसी समय दोनों दोषियों ने वहां पहुंचकर कार का लॉक तोड़ा और वारदात को अंजाम दिया। वारदात के बाद फरार हो गए दोषियों को महीने भर चले अभियान के बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया। उनके डीएनए सैंपल लेकर वारदात में उनकी संलिप्तता साबित की गई। आतंकवाद निरोधी अदालत के न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने मलही और बग्गा को मौत की सजा देने के साथ ही उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

अदालत ने डकैती मामले में दोनों को उम्रकैद और कार का ताला तोड़ने के लिए पांच वर्ष के कारावास की सजा भी सुनाई है। दोनों दोषियों की संपत्ति जब्त करने का भी आदेश दिया गया है। पुलिस के अनुसार वारदात में दोनों दोषियों ने महिला के पास मौजूद एक लाख रुपये से ज्यादा की नकदी और स्वर्ण आभूषण भी लूट लिए थे।