बैंड-बाजा पार्टियों, शहनाई, ढोल नगाड़ा बजाने वाले कलाकारों की सुध ले सरकार: कुशाल भारद्वाज

जोगिंदर नगर की विभिन्न बैंड बाजा यूनियनों ने एसडीएम से मिल कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा

जतिन लटावा। जोगिंद्रनगर

जोगिंदर नगर के बैंड-बाजा पार्टियों, शहनाई, ढोल नगाड़ा व अन्य वाद्य यंत्र बजाने वाले कलाकारों एवं बजंतरियों ने जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज के नेतृत्व में एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन विवाह शादियों में बैंड-बाजा और अन्य वाद्य यत्रों को बजाने की अनुमति देने की मांग पर जोगिंदर नगर की विभिन्न बैंड बाजा यूनियनों ने आज जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज के नेतृत्व में एसडीएम से मिल कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। इस अवसर पर बैंड बाजा पार्टियों व अन्य वाद्य यत्रों की पार्टियों के प्रतिनिधि के रूप में दयाकृष्ण, सुभाष चंद, विनोद कुमार, बिटू राम, मोहन सिंह, दूनी चंद, पालू राम, राज कुमार, चौंड़ू राम, रमेश चंद आदि भी साथ थे। जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज ने कहा कि पिछले साल लॉकडाउन के बाद से बैंड पार्टियों व अन्य वाद्य यंत्रों के बजंतरियों को भारी आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ा है। जोगिंदर नगर के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे सैंकड़ों लोग हैं जो अपने आप में समृद्ध कलाकार हैं। सैंकड़ों कलाकार बैंड बाजा बजा कर, शहनाई बजा कर या ढ़ोल-नगाड़े आदि बजा कर न केवल विवाह-शादियों, समारोहों, तीज-त्योहारों व अन्य कई कार्यक्रमों में चार चाँद लगाते हुए लोगों का मनोरंजन भी करते हैं और इससे अपनी आजीविका भी चलाते हैं। लेकिन लॉकडाउन के बाद से ही इनका काम-धंधा बंद पड़ा है तथा कमाई के अन्य कोई साधन न होने से घर-गृहस्थी चलाने में भी समस्या आ रही है। जब भी शादियों या अन्य समारोहों का सीजन आता है तो पाबन्दियाँ लग जाने से इन सभी कलाकारों की आजीविका पर सबसे बुरा प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल भी व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो गया था तथा इस साल भी बैंड-बाजा पर पूर्ण प्रतिबंध है। कोई और साधन न होने के चलते परिवार पालने का संकट खड़ा हो गया है। अत: हमारी मांग है कि ब्याह-शादी और अन्य समारोह होंगे तो बैंड-बाजा, शहनाई व अन्य वाद्य यंत्रों को बजाने वाले बजन्तरियों को इनमें शामिल होने की छूट मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि परिजन अपने बच्चों की शादी बैंड बाजे से करना चाहते हैं, लेकिन सरकार ने इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। जबकि मंत्रियों के काफिलों में सैंकड़ों लोगों के शामिल होने और बैंड बाजे की धुन में थिरकने की खुली छूट है। इस तरह के दोहरे मापदंड निंदनीय हैं। इस लिए सरकार को चाहिये कि शादी समारोहों में बैंड बाजा और अन्य वाद्य यंत्रों को बजाने की इजाजत दे। ताकि इन परिवारों का रोजगार चलता रहे।

उन्होंने मांग की कि प्रतिबंधों के कारण इनके रोजगार पर पड़े विपरीत प्रभाव के कारण सभी बैंड पार्टियों व अन्य वाद्य यंत्रों के कलाकारों को फौरी तौर पर राशन की जरूरत है। इस लिए सरकार को चाहिए कि प्रशासन की तरफ से उनको राशन भी उपलब्ध करवाया जाये। इसके अलावा लॉकडाउन, कोरोना कफ्र्य़ू व पाबन्दियों से प्रभावित हुए ऐसे सब लोगों को अगले 6 महीने तक उनके बैंक खातों में प्रतिमाह 7500 रू? कैश ट्रांसफर से उपलब्ध करवाया जाये तथा अगले 6 महीने तक सभी जरूरतमंद परिवारों को प्रति व्यक्ति 10 किलोग्राम राशन हर महीने मुफ्त में उपलब्ध करवाया जाये।