केंद्र की अधिसूचना 2009 को लागू करे प्रदेश सरकार : आजाद

तलविंदर सिंह। बनीखेत

न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ सरकारी कर्मचारियों का सबसे बड़ा संगठन उभर कर सामने आया है। जिसकी एकमात्र मांग पुरानी पेंशन योजना की बहाली है। पिछले कुछ वर्षों में इस संगठन ने हिमाचल प्रदेश सरकार से सरकारी कर्मचारियों की बहुत सी मांगों को मनवाया है, जिसमें डीसीआरजी की बहाली, सरकार के शेयर में 10% से 14% की बढ़ोतरी, सेवानिवृत्ति के बाद चिकित्सा भत्ता एवं सेवानिवृत्ति के दौरान दी जाने वाली राशि को कर मुक्त करवाना शामिल है। संगठन के नेता ओम प्रकाश आजाद ने बताया कि यह संगठन दिन-रात पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए डटा हुआ है।

समय-समय पर एक पंचायत प्रतिनिधि से लेकर महामहिम राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को पुरानी पेंशन योजना की बहाली के एवज में ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं। वर्तमान समय में केंद्र की अधिसूचना 2009 को लागू करवाना संगठन की प्राथमिकताओं में से एक है। गौरतलब है कि पिछले 2 वर्षों से कोरोना महामारी के कारण असंख्य सरकारी कर्मचारी अपनी ड्यूटी देते देते मृत्यु को प्राप्त हुए हैं।

आज के समय में सरकारी कर्मचारी कोरोना महामारी में फ्रंटलाइन वारियर की तरह काम कर रहा है तथा समाज को इस महामारी से कैसे बचाया जाए, इसके लिए दिन-रात प्रयासरत है, लेकिन सरकार के रवैइये से ये लगता है कि सरकार को अपने कर्मचारियों की कोई परवाह नहीं, ओम प्रकाश आजाद ने बताया कि केंद्र की अधिसूचना 2009 को लागू करवाना इस समय में उनकी प्राथमिकता है। सरकारी कर्मचारी 24 घंटे अपनी ड्यूटी दे रहा है। सरकारी कर्मचारी मात्र एक मांग करता है कि अगर अपने सेवाकाल में अगर उसकी मृत्यु हो जाती है, तो पुरानी पेंशन ही एकमात्र ऐसा रास्ता है, जो उसके परिवार के भरण-पोषण के लिए अत्यंत आवश्यक है।

आजाद ने बताया कि असंख्य साथी इस महामारी के दौरान अपनी सेवाएं देते देते शहीद हुए हैं, काल का ग्रास बन गए हैं। आज अगर उनके परिवार की स्थिति देखी जाए, तो परिवारिक पुरानी पेंशन न होने के कारण उनके परिवार का गुजर बसर मुश्किल हो गया है। अगर एनपीएस की पेंशन मिल रही है, तो वो नाममात्र है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि कि सरकार अपने कर्मचारियों की नब्ज को पहचाने। सरकारी कर्मचारी किसी भी सरकार की रीढ़ की हड्डी के समान है, जो दिन-रात अपनी ड्यूटी देने में लगा हुआ है, लेकिन उन कर्मचारियों की, उन कर्मचारियों के परिवार की सुरक्षा एवं समृद्धि की जिम्मेदारी भी सरकार की बनती है।

अगर नौकरी के दौरान सरकारी कर्मचारी मर जाता है, तो उसके परिवार को पुरानी पेंशन योजना के अधीन लाया जाए, जो कि केंद्र की अधिसूचना 2009 में केंद्र सरकार के द्वारा अधिसूचना जारी की गई है, लेकिन अभी तक हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस को लागू नहीं किया है। उन्होंने संगठन के माध्यम से विनम्र प्रार्थना की कि जल्द से जल्द इस अधिसूचना को सरकारी कर्मचारियों के हित में लागू किया जाए, ताकि सरकारी कर्मचारी अगर अपनी ड्यूटी करें, तो निर्भीक होकर करें। अन्यथा सरकारी कर्मचारियों ने अपनी एकता के प्रमाण इतिहास में बहुत बार दिए हैं और ये सरकार भी बखूबी जानती है।