जैसे मैं मर रही, शाहरुख भी मरेः अंकिता

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

झारखंड के दुमका की अंकिता अपने दोषी शाहरुख के लिए मौत की सजा चाहती थी। मौत से पहले दिए बयान में उसने कहा- जिस तरह उसके कारण मैं मर रही हूं, उसे भी वही सजा होनी चाहिए। रिपोर्टर के पूछने पर- क्या आप ऐसा चाहती हैं, उसने कहा था- हां।

अंकिता ने कैमरे के सामने वारदात की पूरी कहानी बताई थी। रात 10 बजे उसने अपने पापा को शाहरुख की धमकी वाली बात बताई थी। पापा ने बोला कि सुबह देखते हैं। सुबह होने से पहले ही अंकिता को जिंदा जला दिया गया। तड़के करीब 4 बजे खिड़की से शाहरुख ने पेट्रोल डाला और उसे जला दिया। अंकिता ने बताया था कि उसने खिड़की खोल कर भी देखा था, शाहरुख के साथ एक और लड़का छोटू भी था।

SIT करेगी जांच
अंकिता मर्डर केस में SP की अध्यक्षता में SIT गठित की गई है। ADG एमएल मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी निगरानी SP करेंगे। अब तक 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मामले में हर नजरिए से जांच जारी है।

जांच करने 10 सदस्यीय टीम पहुंची
सीआईडी ​​डीएसपी संदीप कुमार गुप्ता के नेतृत्व में 10 सदस्यीय जांच टीम दुमका में अंकिता के घर पहुंची। टीम में सीआईडी, फॉरेंसिक और फिंगर प्रिंट ब्यूरो के सदस्य शामिल हैं।

शाहरुख ने खिड़की से पेट्रोल डाल आग लगा दी थी
23 अगस्त को अंकिता दुमका के जरुवाडीह मोहल्ले में अपने घर में सोई हुई थी। तभी लगभग 5 बजे पड़ोस के शाहरुख हुसैन ने खिड़की से पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। पांच दिन इलाज के बाद उसने दम तोड़ दिया था।

2 साल से परेशान कर रहा था शाहरुख

शाहरुख अंकिता को 2 साल से परेशान कर रहा था। दोस्ती के लिए दबाव बना रहा था। अंकिता ने इसकी शिकायत अपने पिता से भी की थी, लेकिन बदनामी के डर से उन्होंने आगे कदम नहीं उठाया। इसके बाद जब शाहरुख ज्यादा परेशान करने लगा तो वो पुलिस में शिकायत करने पहुंचे, लेकिन शाहरुख के बड़े भाई ने मांफी मांग ली। कहा कि वो अब ऐसा नहीं करेगा। कुछ दिन शांत रहने के बाद उसकी हरकतें फिर शुरू हो गईं। बीते 15 दिनों से वो अंकिता को कुछ ज्यादा ही परेशान कर रहा था।

जांच से हटाए गए SDPO नूर मुस्तफा
अंकिता हत्याकांड में पक्षपात के आरोपों से घिरे SDPO नूर मुस्तफा को केस की जांच से हटा दिया गया है। मुस्तफा पर शाहरुख को बचाने का आरोप लगाया जा रहा था। उधर, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने दोषियों के खिलाफ 302 के तहत हत्या का केस दर्ज करने की मांग की है।

मौत के बाद हुए कई जिलों में प्रदर्शन

अंकिता सिंह की मौत के बाद न केवल दुमका, बल्कि रांची और गिरिडीह समेत राज्य के अन्य जिलों में भी प्रदर्शन हुए। दुमका में बजरंग दल, भाजपा समेत कई सामाजिक संगठनों ने विरोध स्वरूप सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। वहीं रांची के फिरायालाल चौक और मोराबादी स्थित बापू वाटिका के सामने भी सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन किया। गिरिडीह में भी इस घटना का आक्रोश देखा गया।

IPS बनना चाहती थी अंकिता

अंकिता सिंह तीन भाई-बहनों में मंझली थी। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है, जबकि 12 साल का छोटा भाई फिलहाल पढ़ रहा है। अंकिता IPS बनना चाहती थी। उसके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। पिता एक बिस्किट कंपनी में सेल्समैन का काम करते हैं। परिवार में दादा-दादी हैं। उसकी मां की मौत पिछले साल हो चुकी है।

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